Thermal Power Plant

Thermal Power Plant

Thermal Power Plant में कोयला अथवा किसी अन्य ईंधन के दहन से ऊष्मा (heat) उत्पन्न की जाती है। इस ऊष्मा से जल की वाष्प तैयार की जाती है, जिससे एक वाष्प टरबाइन चलाई जाती है।

यह टरबाइन, आल्टरनेटर को यान्त्रिक शक्ति प्रदान करती है और आल्टरनेटर, विद्युत शक्ति पैदा करता है। वाष्प टरबाइन बालित आल्टरनेटर्स मध्यम क्षमता वाले होते हैं। इनकी स्थापना एवं कार्यकारी लागत अधिक होती है। भारत में ताप विद्युत शक्ति संयन्त्रों का संचालन, अधिकांशतः नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC) द्वारा सम्पन्न किया जाता है।

चीनी मिल्स में गन्ने की खोई को ईंधन के रूप में प्रयोग करके ताप विद्युत शक्ति पैदा की जाती है। इसी प्रकार, चावल की भूसी आदि से भी ताप विद्युत शक्ति पैदा की जाती है।

इस संयन्त्र में कोयले के दहन से उत्पन्न ऊष्मीय ऊर्जा द्वारा वाष्प तैयार की जाती है। वाष्प दाब से टरबाइन/स्टीम इंजन चलाया जाता है, जो यान्त्रिक शक्ति उत्पन्न करता है। इस यान्त्रिक शक्ति से आल्टरनेटर को प्रचालित करके विद्युत शक्ति उत्पन्न की जाती है।

ताप शक्ति संयन्त्र के भाग Parts of Thermal Power Plant

कोयला आधारित ताप-शक्ति संयन्त्र  (Thermal Power Plant) के मुख्य चरण ईंधन, कोयले एवं राख की हैण्डलिंग, भाप उत्पादन संयन्त्र, बॉयलर, भाप टरबाइन, आल्टरनेटर/जनित्र एवं फोड वाटर व कूलिंग हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के अवयवों का प्रयोग किया जाता है। इनका वर्णन निम्नवत् है

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1. बॉयलर (Boiler)

 बॉयलर (Boiler) के अन्दर, ईंधन की रासायनिक ऊर्जा को तापीय ऊर्जा में परिवर्तित करके जल वाष्प तैयार की जाती है। इस ऊर्जा को उच्च दाब एवं ताप पर भाष में परिवर्तित करते। है, जिससे शक्ति का उत्पादन किया जाता है, इसलिए बॉयलर को भाप जनित्र (steam generator) भी कहते हैं

 इसकी भ‌ट्ठी में ईंधन एवं वायु को भेजने एवं दहन के पश्चात् बची राख को निकालने का प्रबन्ध होता है तथा दहन के फलस्वरूप उत्पन्न गैसों को चिमनी के द्वारा वायुमण्डल में छोड़ा जाता है। 

बॉयलर (Boiler) के मुख्य अवयव

  • बॉयलर भट्टी (Boiler furnace)
  • जल पात्र (water container)
  • उच्च दाबयुक्त पात्र (container)

बॉयलर (Boiler)/भाप जनित्र के मुख्य कार्य निम्न प्रकार है-

  • भाप को आवश्यकतानुसार दाब एवं ताप पर उत्पन्न करना एवं उसे संचित करना।

  • ईंधन दहन से उत्पन्न ऊष्मा को जल वाष्प द्वारा स्थानान्तरित करना।
  •  आवश्यकतानुसार संतृप्त (saturated) अथवा अतितप्त भाप की सप्लाई करना।

एक बॉयलर (Boiler) के अन्दर सामान्य तापमान 27°C एवं सामान्य दाब 1 किग्रा सेमी माना गया है। शक्ति उत्पादन में भाप का प्रयोग, भाप इंजन के पिस्टन को गतिशील अथवा रोटर ब्लेड्स को घुमाने के लिए किया जाता है।

2. भाप टरबाइन एवं आल्टरनेटर/जनित्र (Steam turbine and alternator/generator)

उच्च दाब वाली भाप, टरबाइन में फैलती है तथा जनित्र को प्रचालित करती है। इस स्टेज को ऊर्जा परिवर्तन स्टेज के रूप में भी समझा जा सकता है। इसमें भाप टरबाइन, भाप ऊर्जा को घूणीय (rotational) यान्त्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करती है, जबकि आल्टरनेटर जनित्र इस घृणीय यान्त्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।

3.कण्डेन्सर (Condenser)

Thermal Power Plant  मे भाप इंजन या भाप टरबाइन में से निकलने वाली भाप के द्वारा प्राप्त जल को एकत्रित करने वाली युक्ति कण्डेन्सर कहलाती है। भाप को कण्डेन्सर में एकत्रित किए जाने से शीतल जल का तापमान बढ़ जाता है, जिसे कम करने के लिए जल को शीतलन टॉवर में प्रवाहित करना आवश्यक होता है। इसको फीड वाटर एवं कूलिंग चरण में प्रयोग किया जाता है। इस चरण के अन्तर्गत कूलिंग टॉवर, कण्डेन्सर, सर्कुलेटिंग वाटर पम्प एवं फीड वाटर पम्प आते हैं। इनमें मुख्यतः पृष्ठ (surface) कण्डेन्सर एवं जैट कण्डेन्सर का प्रयोग किया जाता है।

4. इकोनोमाइजर (Economiser)

बॉयलर की दक्षता को बढ़ाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसके द्वारा बॉयलर से निकलने वाली व्यर्थ गैस की ऊष्मा का प्रयोग करते हैं। ये गिल्ड (gilled) ट्यूब एवं प्लेन ट्यूब प्रकार के होते हैं। इसमें जाने वाले फीड वाटर का तापमान 85°C से अधिक रखा जाता है।

कोयले आधारित शक्ति संयन्त्र (Thermal Power Plant) में भण्डारित कोयले को कोयला हैण्डलिंग संयन्त्र के द्वारा भ‌ट्टी में पहुँचाते हैं, जिससे ऊष्मीय ऊर्जा उत्पन्न होती है तथा कोयले का दहन होने से प्राप्त राख बॉयलर के पीछे एकत्रित होती है, जोकि राख संग्रहित यार्ड के द्वारा हटायी जाती है। इसे हटाने के लिए राख (ash) हैण्डलिंग उपकरण का प्रयोग करते हैं। 

कोयले के जलने से उत्पन्न ऊष्मीय ऊर्जा, बॉयलर (Boiler) के जल को गर्म करने के लिए प्रयुक्त की जाती है, जो उसे आर्द्र भाप (wet steam) में बदल देती है। यह आर्द्र भाप सुपर हीटर में भेजी जाती है, जहाँ पर यह सुपरहीटेड भाप में परिवर्तित हो जाती है। जब यह टरबाइन में सुपरहीटेड भाप उच्च दाब एवं ताप पर टरबाइन में ले जायी जाती है, तो यह फैलकर प्राइम मूवर या टरबाइन की गति प्रदान करती है।

टरबाइन के साथ एक शाफ्ट के द्वारा जनित्र संयोजित रहता है, जोकि घूर्णन द्वारा विद्युत उत्पन्न करता है। इसके पश्चात् यह भाप कण्डेन्सर में आ जाती है, जहाँ पर इसे ठण्डा करते हैं। इसमें एक बॉयलर फीड पम्प लगा होता है, जोकि उच्च दाब हीटर के द्वारा बॉयलर (Boiler) को जल प्रदान करता है। इसमें बॉयलर में जाने से पहले उच्च दाब हीटर जल को गर्म करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।

इस प्रकार कोयला आधारित शक्ति संयन्त्र स्टेशन के द्वारा विद्युत उत्पन्न की जाती है। इस शक्ति स्टेशन में बॉयलर एवं कण्डेन्सर के अन्दर उच्च ऊष्मा हानियों होती हैं, जिसके कारण इन स्टेशनों में बहुत अधिक ऊर्जा का व्यय होता है। इनमें लगभग 30% की दक्षता प्राप्त होती है।

Thermal Power Plant के लाभ

  • इनमें सस्ता कोयला प्रयोग किया जाता है।

  • यह ईंधन एवं जल आपूर्ति के निकट किसी स्थान पर भी स्थापित किया जा सकता है।

  • इसमें निर्माणक क्षेत्र की आवश्यकता कम होती है।

  • इनमें उत्पादन लागत निम्न होती है।

Thermal Power Plant की हानियाँ

  • इससे धुएँयुक्त ज्वाला के कारण वायु प्रदूषण अधिक फैलता है।
  • अन्य शक्ति स्टेशनों की तुलना में प्रचालन लागत अपेक्षाकृत अधिक होती है।

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