Synchronous Motor -Types

Synchronous Motor

“सिंक्रोनस  घूर्णन गति पर, वैद्युतिक ऊर्जा को यान्त्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करने वाली मशीन, Synchronous Motor कहलाती है।” यदि किसी आल्टरनेटर के स्टेटर को ए.सी. तथा उसके रोटर को डी.सी. स्रोत से संयोजित कर दिया जाए, तो वह Synchronous Motor की भांति कार्य करने लगता है। आल्टरनेटर तथा तुल्यकालिक मोटर की संरचना लगभग एक समान होती है।

यदि समान्तर क्रम में संयोजित दो कार्यरत् आल्टरनेटर्स में से किसी एक को यान्त्रिक ऊर्जा प्रदान करना बन्द कर दिया जाए, तो वह Synchronous Motor की भांति कार्य करने लगता है। इस स्थिति में, उससे यान्त्रिक ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है।

तुल्यकालिक मोटर (Synchronous Motor) स्वचालित (self start) नहीं होती है। इसे तुल्यकालिक घूर्णन गति पर घुमाने के लिए प्रारम्भ में यान्त्रिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। एक बार तुल्यकालिक घूर्णन गति प्राप्त कर लेने पर यह उसी निर्धारित गति पर घूर्णन करती रहती है और इससे लोड संयोजित किया जा सकता है।

तुल्यकालिक मोटर (Synchronous Motor) की महत्त्वपूर्ण विशेषता इसकी नियत घूर्णन गति है, इसलिए जिन कार्यों में नियत घूर्णन गति अति आवश्यक हो, वहाँ पर तुल्यकालिक मोटर प्रयोग की जाती है।

तुल्यकालिक मोटर्स मुख्यतः निम्न दो प्रकार के होते हैं

  1. सामान्य तुल्यकालिक मोटर (Plain Synchronous Motor)

  2. ऑटो तुल्यकालिक मोटर (Auto Synchronous Motor)

1. सामान्य तुल्यकालिक मोटर (Plain Synchronous Motor)

सामान्य प्रकार की तुल्यकालिक मोटर की संरचना, 3-फेज आल्टरनेटर के समान होती है। इसके स्टेटर पर 3-फेज वाइण्डिग स्थापित की जाती है और रोटर पर स्थायी ध्रुवता उत्पन्न करने वाले डी.सी. उत्तेजित ध्रुव स्थापित किए जाते हैं।

रोटर ध्रुवों की संख्या, मोटर की निर्धारित तुल्यकालिक घूर्णन गति के अनुसार, P = 120 × //N (उदाहरणार्थ 1500 RPM बाली मोटर के लिए 4 ध्रुव बनाए जाते हैं) ही रखी जाती है।

रोटर ध्रुवों को डी.सी. प्रदान करने के लिए मोटर की शाफ्ट से एक छोटा डी.सी. शष्ट जनित्र (110 वोल्ट से 250 वोल्ट) जोड़ दिया जाता है, जिसे ‘एक्साइटर’ कहते हैं।

कार्यविधि Working Method

यद्यपि स्टेटर 3-फेज वाइण्डिग एक ‘घूमने वाला चुम्बकीय क्षेत्र’ (rotating magnetic field) स्थापित करती है, तो भी स्टेटर ध्रुवों की ध्रुवता निरन्तर परिवर्तित होते रहने के कारण, रोटर स्वतः घूर्णन नहीं कर पाता इसलिए रोटर को किसी प्राइम मूवर के द्वारा तुल्यकालिक गति पर घुमाया जाता है।

जैसे ही रोटर, तुल्यकालिक गति प्राप्त कर लेता है, तो प्राइम मूवर को हटा दिया जाता है और मोटर स्वतः ही तुल्यकालिक गति पर घूर्णन करने लगती है।

लाभ Advantages

  • सामान्य लोड तथा शुन्य लोड पर तुल्यकालिक मोटर की घूर्णन गति अपरिवर्तित रहती है। निर्धारित लोड से अधिक लोड पर घूर्णन गति घट जाती है और मोटर रुक जाती है।
  • स्टेटर की चुम्बकीय क्षेत्र उत्तेजना (magnetic field excitation) को घटाने पर पश्चगामी विद्युत धारा (lagging current) तथा स्टेटर की चुम्बकीय क्षेत्र उत्तेजना को बढ़ाने पर अग्रगामी विद्युत धारा (leading current) प्राप्त होती है। इस प्रकार, क्षेत्र उत्तेजना को परिवर्तित करके मोटर का पावर फैक्टर परिवर्तित किया जा सकता है।

  • वोल्टेज के घटने-बढ़ने का मोटर की घूर्णन गति पर सूक्ष्म प्रभाव पड़ता है। 5-10% से अधिक वोल्टेज परिवर्तन पर मोटर रुक जाती है।

हानियाँ Disadvantages

  • मोटर का स्टार्टिंग टॉर्क लगभग शून्य होता है। अतः यह मोटर लोड पर चालू नहीं हो पाती।
  • मोटर को चालू करने के लिए ए.सी. तथा डी.सी. स्रोत एवं प्राइम मूवर की आवश्यकता होती है।

  •  मोटर की घूर्णन गति को घटाया या बढ़ाया नहीं जा सकता।

  • इस मोटर में ‘हंटिंग’ (hunting) दोष विद्यमान होता है, जिसके कारण लोड में थोड़ी-सी भी वृद्धि हो जाने पर मोटर का रोटर कम्पन (oscillate) करने लगता है।

अनुप्रयोग Applications

  • विद्युत प्रसारण लाइनों में पावर फैक्टर सुधारने के लिए।
  • जनित्र/आल्टरनेटर्स की घूर्णन गति को नियत रखने के लिए।

  • नियत घूर्णन गति पर कार्य करने वाले कम्प्रेसर, पम्प आदि के प्रचालन के लिए।

2. ऑटो तुल्यकालिक मोटर Auto Synchronous Motor

सामान्य प्रकार की तुल्यकालिक मोटर लोड पर चालू नहीं हो पाती, इसलिए उसमें कुछ सुधार करके ऑटो तुल्यकालिक बनाई गई है। ये निम्न दो प्रकार के होती है

  • इण्डक्शन टाइप ऑटो तुल्यकालिक मोटर (Induction Type Auto Synchronous Motor)
  • सैलिएन्ट पोल टाइप ऑटो तुल्यकालिक मोटर (Salient Pole Type Auto Synchronous Motor0

A. इण्डक्शन टाइप ऑटो तुल्यकालिक मोटर

इस प्रकार के मोटर के रोटर पर 3-फेज स्लिप-रिंग वाइण्डिग स्थापित की जाती है। 3-फेज स्लिप रिंग इण्डक्शन मोटर की भाँति ही 3-फेज वाइण्डिग्स को एक बाह्य 3-फेज रिहोस्टेट से संयोजित किया जाता है।

मोटर की शाफ्ट पर एक ओर उ-स्लिप-रिंग्स तथा दूसरी ओर ‘एक्साइटर’ स्थापित किया जाता है।

कार्यविधि Working Method

प्रारम्भ में यह मोटर, स्लिप-रिंग इण्डक्शन मोटर की भाँति स्वचालित हो जाती है। जब मोटर, तुल्यकालिक घूर्णन गति प्राप्त कर लेती है, तो एक चेंजओवर स्विच के द्वारा बाह्य 3-फेज रिहोस्टेट को परिपथ से बाहर कर दिया जाता है और चित्र की भाँति रोटर वाइण्डिग्स को ‘एक्साइटर’ (डी.सी. शण्ट जनित्र) से संयोजित कर दिया जाता है।

‘रन’ स्थिति में यह मोटर, तुल्यकालिक मोटर की भाँति कार्य करती रहती है। रोटर की एक वाइण्डिग में पूर्ण रोटर धारा तथा शेष दो वाइण्डिग्स में आधी रोटर धारा प्रवाहित होती है, परन्तु इससे मोटर की कार्यप्रणाली पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता।

विशेषताएँ Specifications

  • यह मोटर लोड पर भी स्वचालित हो जाती है।
  • इस मोटर को चालू करने के लिए ‘प्राइम मूवर’ की आवश्यकता नहीं होती।

  •  यह मोटर इकाई पावर फैक्टर पर कार्य करती है।

अनुप्रयोग Applications

  • यह मोटर सीमेण्ट, रोलिंग, कॉटन तथा पेपर मिलों में भारी लोड में नियत घूर्णन गति पर यान्त्रिक ऊर्जा प्रदान करने के लिए प्रयोग की जाती है।

B. सैलिएन्ट पोल टाइप ऑटो तुल्यकालिक मोटर

इस प्रकार की मोटर के रोटर पर ‘सैलिएन्ट’ अर्थात् उभरे हुए ध्रुव बनाए जाते हैं। इन ध्रुवों पर गहराई में स्थायी ध्रुवता उत्पन्न करने वाली व डी.सी. से उत्तेजित की जाने वाली वाइण्डिग्स स्थापित की जाती हैं। इसके साथ ही ध्रुव के उभरे भाग में स्क्विरल केज रोटर की भाँति ‘शॉर्ट सर्किटेड’ ताँबे के चालक स्थापित किए जाते हैं।

रोटर वाइण्डिग्स को सामान्य तुल्यकालिक मोटर की भाँति ‘एक्साइटर’ से संयोजित कर दिया जाता है।

कार्यविधि Working Method

स्क्विरल केज प्रकार का रोटर होने के कारण, स्टेटर को 3-फेज सप्लाई से संयोजित करने पर यह मोटर स्वचालित हो जाती है। परन्तु मोटर, केवल हल्के लोड पर ही स्वचालित हो सकती है, भारी लोड पर नहीं।

जब रोटर पर्याप्त घूर्णन गति प्राप्त कर लेता है और ‘एक्साइटर’ पर्याप्त डी.सी. वोल्टेज प्रदान करने लगता है, तो यह मोटर, तुल्यकालिक मोटर की भाँति कार्य करने लगती है।

विशेषताएँ Specifications

  • इस प्रकार की मोटर केवल हल्के लोड पर ही स्वचालित हो सकती है. भारी लोड पर नहीं। भारी लोड के लिए इण्डक्शन टाइप तुल्यकालिक मोटर ही उपयुक्त रहती है।
  •  इसमें बाह्य रिहोस्टेट तथा चेंजओवर स्विच की आवश्यकता नहीं होती।

अनुप्रयोग Applications

इन मोटर को विद्युत वितरण लाइन के समान्तर क्रम में संयोजित कर, साइन का पावर-फैक्टर सुधारने के लिए प्रयोग किया जाता है।

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