भूमिगत केबल बिछाने (Underground Cable Laying) का अर्थ है — केबल को ज़मीन के नीचे सुरक्षित तरीके से बिछाना। यह विधि बिजली, दूरसंचार (टेलीफोन/इंटरनेट), और अन्य सेवाओं में प्रयुक्त होती है, खासकर जहां सुरक्षा और सौंदर्य का विशेष ध्यान रखा जाता है।
भूमिगत केबल बिछाने की विधियाँ (Method of Underground Cable Laying)
भूमिगत केबल को निम्न विभिन्न प्रकार से बिछा सकते है
डायरेक्ट बरीडिंग मेथड (Direct Buried Method)
डक्ट प्रणाली (Duct or Pipe System)
ट्रेन्चलेस मेथड (Trenchless Method) या HDD (Horizontal Directional Drilling)
1.डायरेक्ट बरीडिंग मेथड (Direct Buried Method)
इस विधि में केबल को सीधे ज़मीन में गड्ढा खोदकर डाला जाता है।
प्रक्रिया:
पहले एक ट्रेंच (नाली) खोदी जाती है — आमतौर पर 0.75 से 1.2 मीटर गहरी।
ट्रेंच के नीचे रेत की परत (10–15 सेमी) डाली जाती है।
केबल को रेत पर बिछाया जाता है।
फिर ऊपर से और रेत डाली जाती है, ताकि केबल को घर्षण या नमी से नुकसान न हो।
रेत के ऊपर ईंटें या कंक्रीट स्लैब लगाई जाती हैं — केबल को फिजिकल डैमेज से बचाने के लिए।
अंत में मिट्टी डालकर ट्रेंच को बंद कर दिया जाता है।
लाभ:
लागत कम
जल्दी बिछाई जा सकती है
नुकसान:
मरम्मत में कठिनाई
अन्य भूमिगत सेवाओं से टकराने का खतरा
2. डक्ट प्रणाली (Duct or Pipe System)
इस विधि में केबल को PVC, HDPE या RCC पाइप/डक्ट में डालकर ज़मीन में बिछाया जाता है।
प्रक्रिया:
ट्रेंच खोदकर उसमें डक्ट पाइप बिछाए जाते हैं।
डक्ट में केबल को खींचकर (Pulling Method) डाला जाता है।
बाद में डक्ट को रेत और मिट्टी से ढक दिया जाता है।
लाभ:
भविष्य में केबल निकालना या बदलना आसान
सुरक्षा अधिक
केबल ज़्यादा टिकाऊ होती है
नुकसान:
लागत अधिक
इंस्टॉलेशन में समय ज़्यादा लगता है
3. ट्रेन्चलेस मेथड (Trenchless Method) या HDD (Horizontal Directional Drilling)
यह आधुनिक विधि है जिसमें बिना ज़मीन खोदे केबल डाली जाती है। खासकर सड़कों के नीचे केबल डालने में उपयोगी है।
लाभ:
सड़क/पाथवे नहीं टूटती
तेजी से कार्य संभव
🧱 भूमिगत केबल बिछाने के लिए आवश्यक सामग्रियाँ:
पावर केबल
रेत (Sand)
ईंट या स्लैब
चेतावनी टेप (Warning Tape)
डक्ट पाइप (यदि डक्ट विधि हो)
ट्रेंचिंग मशीन / ड्रिलिंग मशीन
⚠️ सावधानियाँ:
सही गहराई रखें (सामान्यतः 0.9–1.2 मीटर)
अन्य यूटिलिटी लाइनों से दूरी बनाए रखें
जल निकासी का ध्यान रखें
केबल की इंसुलेशन जांच पहले से कर लें
निष्कर्ष
भूमिगत केबल बिछाने की विधियाँ तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं, लेकिन यदि इन्हें सही तरीके से किया जाए, तो यह न केवल अधिक सुरक्षित होती हैं, बल्कि भविष्य में रखरखाव की लागत भी कम करती हैं। डायरेक्ट बरीडिंग, डक्ट प्रणाली और HDD जैसी विधियाँ अलग-अलग आवश्यकताओं के अनुसार चुनी जाती हैं। आज के समय में यह प्रक्रिया स्मार्ट शहरों (Smart Cities) और डिजिटल इंडिया जैसे अभियानों का अहम हिस्सा बन चुकी है।
FAQ
भूमिगत केबल (Underground Cable) कितनी गहराई में बिछाई जाती है?
सामान्यतः केबल को 0.75 मीटर से 1.2 मीटर गहराई में बिछाया जाता है। परंतु, यह गहराई केबल के प्रकार और स्थान के अनुसार बदल सकती है।
केबल (Underground Cable) के ऊपर ईंट या चेतावनी टेप क्यों डाली जाती है?
ईंट या स्लैब से केबल की भौतिक सुरक्षा होती है और चेतावनी टेप से यह संकेत मिलता है कि नीचे कोई केबल है — जिससे भविष्य में खुदाई करते समय कोई दुर्घटना न हो।
क्या भूमिगत केबल (Underground Cable) पर मौसम का असर नहीं होता?
बहुत कम होता है। भूमिगत केबल वर्षा, धूप और तूफान जैसे मौसमीय प्रभावों से सुरक्षित रहती हैं।
क्या भूमिगत केबल की मरम्मत मुश्किल होती है?
हाँ, ओवरहेड केबल की तुलना में भूमिगत केबल की मरम्मत अधिक समय लेने वाली और महंगी हो सकती है, क्योंकि पहले खुदाई करनी पड़ती है।
HDD विधि क्या होती है और यह कब उपयोग होती है?
HDD (Horizontal Directional Drilling) एक आधुनिक तकनीक है जिसमें ज़मीन को बिना खोदे, एक विशेष मशीन द्वारा नीचे सुरंग बनाई जाती है और उसमें केबल डाली जाती है। यह सड़कों, नदियों या रेलवे ट्रैक के नीचे केबल बिछाने में उपयोग होती है।