ओम का नियम (Ohm’s Law), किरचाफ के नियम (Kirchhoff’s Laws) और व्हीटस्टोन ब्रिज (Wheatstone Bridge) विद्युत परिपथों के मूल सिद्धांत हैं।
ओम का नियम वोल्टेज, करंट और प्रतिरोध के संबंध को दर्शाता है। किरचाफ के नियम धारा और वोल्टेज संरक्षण बताते हैं। व्हीटस्टोन ब्रिज अज्ञात प्रतिरोध को मापने का यंत्र है। ये सभी सर्किट विश्लेषण में उपयोगी हैं।
ओम का नियम (Ohm's Law)
ओम का नियम विद्युत धारा (Electric Current), विभव अंतर (Voltage), और प्रतिरोध (Resistance) के बीच संबंध को दर्शाता है।
ओम का नियम (Ohm's Law) की खोज / आविष्कार:
जॉर्ज साइमन ओम (Georg Simon Ohm) — एक जर्मन भौतिकशास्त्री और गणितज्ञ।
📅 खोज का वर्ष:
1827 ई. में ओम ने अपना नियम प्रकाशित किया।
📕 पुस्तक:
ओम ने अपनी खोज को पहली बार अपनी पुस्तक में प्रकाशित किया, जिसका नाम था: “Die galvanische Kette, mathematisch bearbeitet”
👉 ओम का नियम कहता है:
“यदि तापमान स्थिर रहे, तो किसी चालक (conductor) में बहने वाली विद्युत धारा, उस पर लगाए गए विभव अंतर के अनुपात में होती है।”
सूत्र (Formula):
V∝ I
V/I = R (नियतांक)
इसलिये V=IR
जहाँ,
V = विभव अंतर (Voltage) [वोल्ट (Volt) में]
I = विद्युत धारा (Current) [एम्पीयर (Ampere) में]
R = प्रतिरोध (Resistance) [ओम (Ohm) में]
उदाहरण:
अगर किसी तार में 2 एम्पीयर की धारा बह रही है और उसका प्रतिरोध 5 ओम है, तो:
V=I×R
= 2×5=10 वोल्ट
🌍 ओम का महत्व:
उनके नाम पर ही प्रतिरोध की इकाई का नाम “ओम (Ohm, Ω)” रखा गया।
ओम के नियम की खोज ने विद्युत परिपथों की व्याख्या को अधिक सरल, सटीक और वैज्ञानिक बना दिया।
उन्होंने 1845 ई. में विद्युत परिपथों (electric circuits) के विश्लेषण के लिए अपने प्रसिद्ध नियम दिए।
Kirchhoff ने दो प्रमुख नियम दिए-
1.किरचाफ का धारा नियम (Kirchhoff’s Current Law - KCL)
इस नियम के अनुसार, “किसी बन्द डी.सी. परिपथ में चालकों के संगम या नोड (node) पर विद्युत धाराओं का बीजगणितीय योग शून्य होता है।”
अर्थात
“किसी नोड (junction) पर आने वाली कुल धारा, उससे बाहर जाने वाली कुल धारा के बराबर होती है।”
गणितीय रूप: ΣI = 0
निम्न चित्रानुसार, संगम की ओर आने वाली विद्युत धाराएँ I1 ,I2 ,I3 हों और उससे दूर जाने वाली विद्युत धाराएँ I4 ,I5 हैं, अतः
2. किरचाफ का वोल्टेज नियम (Kirchhoff’s Voltage Law - KVL)
इस नियम के अनुसार,
“किसी बन्द डी.सी. परिपथ के किसी बन्द लूप अर्थात् मैश (mesh) में आरोपित विद्युत वाहक बलों का बीजगणितीय योग उस लूप या मैश की प्रत्येक शाखा में हुए वोल्टेज ड्रॉपों के बीजगणितीय योग के तुल्य होता है “
अर्थात्
गणितीय रूप: ΣE =I.R
या ΣE =I.R
📅 आविष्कार का समय:
1845 में, किरचाफ ने ये नियम दिए जब वे मात्र 21 वर्ष के थे।
उन्होंने ये नियम ओम के नियम को आगे बढ़ाने और जटिल सर्किट्स (जैसे मल्टी-लूप सर्किट) को हल करने के लिए विकसित किए।
🌍 महत्व:
किरचाफ के नियम आज इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और फिजिक्स में सर्किट एनालिसिस के मूलभूत टूल हैं।
बिना इन नियमों के, जटिल नेटवर्क सर्किट्स को समझना और विश्लेषण करना बहुत कठिन होता।
3. व्हीटस्टोन ब्रिज (Wheatstone Bridge)
व्हीटस्टोन ब्रिज एक विद्युत परिपथ (electrical circuit) है जो किसी अज्ञात प्रतिरोध (unknown resistance) को मापने के लिए उपयोग किया जाता है।
इसकी कार्यप्रणाली संतुलन सिद्धांत पर आधारित होती है, जहाँ गैल्वानोमीटर में कोई धारा प्रवाहित नहीं होती।
🔹 आविष्कारक (Inventor):
➡️ चार्ल्स व्हीटस्टोन (Charles Wheatstone) ने इस ब्रिज को 1843 ई. में लोकप्रिय बनाया, लेकिन इसका मूल डिज़ाइन सैम्युअल हंटर क्रिस्टी (Samuel Hunter Christie) ने 1833 में किया था।
🔹 कार्य सिद्धांत (Working Principle):
व्हीटस्टोन नामक वैज्ञानिक ने चार प्रतिरोधकों को चित्र के अनुसार संयोजित करके एक विशेष प्रकार का परिपथ तैयार किया, जो व्हीटस्टोन ब्रिज कहलाता है।
परिपथ में प्रतिरोध तथा को उपकरण की रेशियो आर्म’ (ratio arm) बनाते हैं, जिनके मान को परिवर्तित करके 1:1, 1:10 या 1:100 अथवा 10:1 या 100: 1 निष्पत्तियाँ प्राप्त की जा सकती हैं। प्रतिरोधक R3 के मान को प्रायः 1 से 5000 ओम के बीच समायोजित किया जा सकता है।
अज्ञात मान वाले प्रतिरोधक को, R4 स्थान पर संयोजित करके और R1 तथा R2 को उपयुक्त निष्पत्ति के लिए समायोजित करके, प्रतिरोधक R3 के मान को इस प्रकार समायोजित किया जाता है कि बिन्दुओं C तथा D के बीच विद्युत धारा प्रवाह मान शून्य हो अर्थात् गैल्वेनोमीटर में कोई विक्षेप न हो।
🔹 उपयोग (Applications):
अज्ञात प्रतिरोध को मापने के लिए
सेंसर आधारित उपकरणों (strain gauge, temperature sensors) में
परिशुद्धता (precision) से मापन करने के लिए
लैब प्रयोगों में
🔹 फायदे (Advantages):
बहुत सटीक मापन
सरल परिपथ
कम लागत
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FAQ
ओहम का नियम (Ohm's Law) किसने दिया था?
ओहम का नियम (Ohm’s Law) जॉर्ज साइमन ओहम (Georg Simon Ohm) नामक जर्मन वैज्ञानिक ने 1827 में प्रस्तुत किया था।
ओहम का नियम (Ohm's Law) कहाँ उपयोग होता है?
विद्युत सर्किट डिज़ाइन में
वोल्टेज, करंट, और रेजिस्टेंस की गणना में
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में फॉल्ट ट्रेसिंग के लिए
बैटरी और पावर सप्लाई के विश्लेषण में
किरचाफ के नियम (Kirchhoff's Law) कब काम नहीं करते?
ये नियम केवल DC और लो-फ्रीक्वेंसी AC सर्किट्स में सही होते हैं। हाई-फ्रीक्वेंसी या रेडियो तरंगों वाले सर्किट्स में पैरेसिटिक कैपेसिटेंस और इंडक्टेंस की वजह से इन नियमों में त्रुटियाँ आ सकती हैं।
किरचाफ के नियम (Kirchhoff's Law) का आविष्कार किसने किया?
जर्मन भौतिक विज्ञानी गुस्ताव किर्चॉफ (Gustav Kirchhoff) ने 1845 में इन नियमों को प्रस्तुत किया।
व्हीटस्टोन ब्रिज किसने बनाया था?
इस ब्रिज का विकास सैम्युएल हंटर क्रिस्टी ने किया था, लेकिन इसका प्रचार और उपयोग सर चार्ल्स व्हीटस्टोन ने 1843 में किया, इसलिए इसे व्हीटस्टोन ब्रिज कहा जाता है।