NCVT Online : ITI Electrician Notes -Cell and Battery

NCVT Online ITI Electrician Lead Acid Battery

NCVT Online Exam के लिए बैटरी का विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल सैद्धांतिक ज्ञान देता है बल्कि विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल कौशल भी सिखाता है। इसलिए बैटरी अध्याय की पूरी तैयारी करना परीक्षा में सफलता पाने के लिए आवश्यक है।

Table of Content

🔋 बैटरी के प्रकार (Types of Batteries )

1. प्राइमरी सेल (Primary Cells)

👉 Non-rechargeable (एक बार उपयोग के बाद फेंकने योग्य)

  • रासायनिक क्रिया अपरिवर्तनीय (Irreversible)
  • उपयोग: छोटे उपकरणों में (घड़ी, टॉर्च, रेडियो, कैलकुलेटर)

1. Voltaic Cell (1800, Alessandro Volta)

    • आविष्कारक: Alessandro Volta
    • इलेक्ट्रोड:
      • कैथोड → कॉपर (Cu)
      • एनोड → जिंक (Zn)
    • यह पहला प्राथमिक सेल था।
  • दोष  :
    • धुवाच्छादन (Polarization) – Hydrogen गैस प्लेट पर जम जाती है।
    • स्थानीय क्रिया (Local Action) – Zinc में अशुद्धियों से Self-discharge होता है।
  • निवारण:
    • धुवाच्छादन (Polarization) Depolarizer (MnO₂) का उपयोग।
    • स्थानीय क्रिया (Local Action)शुद्ध Zinc पर Mercury की परत (Amalgamation)।

2. डेनियल सेल (Daniell Cell) -1836

ncvt online iti electrician daniel cell
  • आविष्कारक: John Frederic Daniell
  • यह पहला प्राथमिक सेल था।
  • इलेक्ट्रोड:
    • कैथोड → कॉपर (Cu)
    • एनोड → जिंक (Zn)
  • इलेक्ट्रोलाइट: कॉपर सल्फेट (CuSO₄) और जिंक सल्फेट (ZnSO₄) घोल।
  • वोल्टेज: लगभग 1.1 V
  • उपयोग: शुरुआती प्रयोगशाला और टेलीग्राफी।
  • दोष  :
    • धुवाच्छादन (Polarization) – Hydrogen गैस प्लेट पर जम जाती है।
    • स्थानीय क्रिया (Local Action) – Zinc में अशुद्धियों से Self-discharge होता है।
  • निवारण:
    • धुवाच्छादन (Polarization) – CuSO₄ Depolarizer , बहुत कम (क्योंकि CuSO₄ से Cu जमा होता है, H₂ नहीं)
    • स्थानीय क्रिया (Local Action)शुद्ध Zinc पर Mercury की परत (Amalgamation)।

3. लैक्लांशी सैल (Leclanché Cell) -1866

  • आविष्कारक: Georges Leclanché
  • इलेक्ट्रोड:
    • एनोड → जिंक (Zn)
    • कैथोड → कार्बन रॉड (MnO₂ मिश्रण से घिरा हुआ)
  • इलेक्ट्रोलाइट: अमोनियम क्लोराइड (NH₄Cl) घोल।
  • वोल्टेज: लगभग 1.5 V
  • उपयोग: टॉर्च, खिलौने, घंटी।
  • दोष  :
    • धुवाच्छादन (Polarization) – Hydrogen गैस प्लेट पर जम जाती है।
    • स्थानीय क्रिया (Local Action) – Zinc में अशुद्धियों से Self-discharge होता है।
  • निवारण:
    • धुवाच्छादन (Polarization) MnO₂ + Carbon पाउडर (Depolarizer) का उपयोग।
    • स्थानीय क्रिया (Local Action)शुद्ध Zinc पर Mercury की परत (Amalgamation)।

4. ड्राई सेल (Dry Cell) -1887

NCVT Online ITI Electrician dry cell
  • आविष्कारक: Carl Gassner (Germany)
  • इलेक्ट्रोड:
    • एनोड → जिंक कंटेनर
    • कैथोड → कार्बन रॉड + MnO₂ पाउडर
  • इलेक्ट्रोलाइट: अमोनियम क्लोराइड + जिंक क्लोराइड पेस्ट।
  • वोल्टेज: लगभग 1.5 V
  • उपयोग: टॉर्च, घड़ियाँ, ट्रांजिस्टर रेडियो।
  • दोष  :
    • धुवाच्छादन (Polarization) – Hydrogen गैस प्लेट पर जम जाती है।
    • स्थानीय क्रिया (Local Action) – Zinc में अशुद्धियों से Self-discharge होता है।
  • निवारण:
    • धुवाच्छादन (Polarization) MnO₂ Depolarizer का उपयोग।
    • स्थानीय क्रिया (Local Action)शुद्ध Zinc पर Mercury की परत (Amalgamation)।

4. मरकरी सेल (Mercury Cell) -1942

NCVT Online : ITI Electrician murcury cell
  • आविष्कारक: Ruben Mallory
  • इलेक्ट्रोड:
    • एनोड → जिंक–अमलगम
    • कैथोड → मरकरी ऑक्साइड (HgO)
  • इलेक्ट्रोलाइट: KOH या NaOH।
  • वोल्टेज: लगभग 1.35 V
  • उपयोग: घड़ी, श्रवण यंत्र (hearing aid)।
  • दोष  :
    • धुवाच्छादन (Polarization) – Hydrogen गैस प्लेट पर जम जाती है।
    • स्थानीय क्रिया (Local Action) – Zinc में अशुद्धियों से Self-discharge होता है।
  • निवारण:
    • धुवाच्छादन (Polarization) HgO स्वयं depolarizer की तरह कार्य करता है
    • स्थानीय क्रिया (Local Action)शुद्ध Zinc पर Mercury की परत (Amalgamation)

5. सिल्वर ऑक्साइड सेल (Silver Oxide Cell) -1940s

  • आविष्कारक: W. Berg (Germany)
  • इलेक्ट्रोड:
    • एनोड → जिंक
    • कैथोड → सिल्वर ऑक्साइड (Ag₂O)
  • इलेक्ट्रोलाइट: KOH या NaOH।
  • वोल्टेज: लगभग 1.5 V
  • उपयोग: घड़ियाँ, कैलकुलेटर, कैमरा।
  • दोष  :
    • धुवाच्छादन (Polarization) – Hydrogen गैस प्लेट पर जम जाती है।
    • स्थानीय क्रिया (Local Action) – Zinc में अशुद्धियों से Self-discharge होता है।
  • निवारण:
    • धुवाच्छादन (Polarization) Ag₂O स्वयं Depolarizer का काम करता है
    • स्थानीय क्रिया (Local Action)शुद्ध Zinc पर Mercury की परत (Amalgamation)

6. लिथियम सेल (Lithium Cell) - 1970s

  • आविष्कारक: M. Stanley Whittingham (concept developer)
  • इलेक्ट्रोड:
    • एनोड → लिथियम (Li)
    • कैथोड → MnO₂ / FeS₂ आदि।
  • इलेक्ट्रोलाइट: ऑर्गेनिक साल्ट (LiClO₄)।
  • वोल्टेज: 3 V से अधिक।
  • उपयोग: कैलकुलेटर, कैमरा, मेडिकल डिवाइस, घड़ी।
  • दोष  :
    • धुवाच्छादन (Polarization) – Hydrogen गैस प्लेट पर जम जाती है।
    • स्थानीय क्रिया (Local Action) – Zinc में अशुद्धियों से Self-discharge होता है।
  • निवारण:
    • धुवाच्छादन (Polarization) H₂ गैस उत्पन्न नहीं होती Cathode material (MnO₂, I₂, FeS₂ आदि) depolarizer का कार्य करता है
    • स्थानीय क्रिया (Local Action) – लगभग नहीं (sealed design और pure Li metal)

2. सेकेंडरी सेल (Secondary Cells)

👉 Rechargeable (बार–बार चार्ज और डिस्चार्ज हो सकते हैं)

  • रासायनिक क्रिया परिवर्तनीय (Reversible)
  • उपयोग: मोबाइल, लैपटॉप, EVs, इन्वर्टर, UPS

🔋 सेकेंडरी सेल (Secondary Cells) के प्रकार

NCVT Online ITI Electrician lead acid battery
  • आविष्कारक: Gaston Planté (1859)
  • विशेषता: सबसे पुरानी और सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली रिचार्जेबल बैटरी।
  • धनाग्र (Positive plate): लेड डायऑक्साइड (PbO₂)
  • ऋणाग्र (Negative plate): स्पॉंजी लेड (Pb)
  • इलेक्ट्रोलाइट: सल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₄)
  • वोल्टेज: ~2 V प्रति सेल
  • उपयोग: कार, इन्वर्टर, UPS
  • Defects (खराबी):
    • Sulphation – Plates पर PbSO₄ की परत जम जाती है।
    • Shedding – Active material गिर जाता है।
    • Corrosion – Positive Plate खराब होना।
    • Electrolyte Evaporation
  • Remedies (उपाय):
    • Equalizing Charge (Overcharge थोड़ी देर)।
    • Distilled Water भरना।
    • समय-समय पर Maintenance।

2. निकेल–कैडमियम बैटरी (Ni-Cd Battery)

NCVT Online : ITI Electrician ni cd Battery
  • आविष्कारक: Waldemar Jungner (1899)
  • धनाग्र: निकल ऑक्साइड हाइड्रॉक्साइड (NiO(OH))
  • ऋणाग्र: कैडमियम (Cd)
  • इलेक्ट्रोलाइट: पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH)
  • वोल्टेज: ~1.2 V प्रति सेल
  • विशेषता: लंबा जीवनकाल और उच्च डिस्चार्ज करंट सहन करने की क्षमता।
  • उपयोग: आपातकालीन लाइट, कैमरा, टॉर्च, पुराने मोबाइल

3. निकेल–आयरन बैटरी (Nickel–Iron : Ni–Fe)

  • आविष्कारक: Thomas Edison (1901)
  • वोल्टेज: ~1.2 V प्रति सेल
  • उपयोग: रेलवे, माइनिंग, बैकअप पावर।

4. निकेल–मेटल हाइड्राइड बैटरी (Ni-MH Battery)

NCVT Online : ITI Electrician ni mh Battery
  • आविष्कारक: Stanford Ovshinsky (1989, commercial)
  • यह वास्तव में Ni–Cd (Nickel–Cadmium Cell) का संशोधित रूप है, जिसमें कैडमियम की जगह मेटल हाइड्राइड (MH) का उपयोग किया जाता है।
  • लाभ: कम विषैला, ज्यादा क्षमता
  • वोल्टेज: ~1.2 V प्रति सेल
  • विशेषता: Ni–Cd से बेहतर ऊर्जा घनत्व और पर्यावरण–अनुकूल (कैडमियम नहीं)।
  • उपयोग: खिलौने, कैमरा, लैपटॉप
NCVT Online ITI Electrician lithium ion Battery
  • आविष्कारक: M. Stanley Whittingham (concept), John B. Goodenough & Akira Yoshino (development, 1980s)
  • धनाग्र: लिथियम कोबाल्ट ऑक्साइड (LiCoO₂)
  • ऋणाग्र: ग्रेफाइट (Carbon)
  • इलेक्ट्रोलाइट: लिथियम साल्ट (Organic solvent में)
  • वोल्टेज: ~3.6 – 3.7 V प्रति सेल
  • लाभ: हल्की, लंबी आयु, ज्यादा क्षमता
  • विशेषता: उच्च ऊर्जा घनत्व, हल्की, लंबे समय तक चलने वाली।
  • उपयोग: मोबाइल, लैपटॉप, इलेक्ट्रिक व्हीकल

5. लिथियम–पॉलिमर बैटरी (Li-Po Battery)

ncvt online iti electricianLi ion polymer battery
  • विकास: 1990s में (Sony और अन्य कंपनियाँ)
  • Li-ion जैसी लेकिन इलेक्ट्रोलाइट जेल/पॉलिमर के रूप में
  • लाभ: हल्की और पतली बनाई जा सकती है
  • विशेषता: लचीली पैकिंग (पाउच टाइप), हल्की और पतली।
  • उपयोग: मोबाइल, ड्रोन, RC डिवाइस

7. सोडियम–सल्फर बैटरी (Sodium–Sulphur : Na–S)

  • विकास: 1960s (Ford Company)
  • वोल्टेज: ~2.0 V प्रति सेल
  • विशेषता: उच्च ऊर्जा क्षमता, ग्रिड–लेवल स्टोरेज।
  • उपयोग: पावर ग्रिड और नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) स्टोरेज।

1. Constant Current Charging (CC Method)

  • बैटरी को नियत करंट (Constant Current) से चार्ज किया जाता है।
  • चार्जिंग के समय वोल्टेज धीरे-धीरे बढ़ता है।
  • उपयोग: Ni-Cd, Ni-MH बैटरियों में।

2. Constant Voltage Charging (CV Method)

  • बैटरी को स्थिर वोल्टेज (Constant Voltage) से चार्ज किया जाता है।
  • शुरुआत में करंट अधिक होता है, धीरे-धीरे कम हो जाता है।
  • उपयोग: Lead–Acid और Li-ion बैटरियों में।

3. Taper Current Charging

  • शुरुआत में करंट ज्यादा होता है और चार्ज होते-होते अपने आप कम हो जाता है।
  • उपयोग: Lead–Acid बैटरी।

4. Trickle Charging

  • बैटरी को बहुत कम करंट लगातार दिया जाता है।
  • बैटरी को हमेशा फुल चार्ज अवस्था में बनाए रखता है।
  • उपयोग: Emergency Light, Standby Power Systems।

5. Float Charging

  • बैटरी को Constant Voltage पर लंबे समय तक चार्ज स्थिति में रखा जाता है।
  • बैटरी पूरी तरह चार्ज रहते हुए सप्लाई को भी बिजली देती रहती है।
  • उपयोग: UPS, Telecom Power Systems।

6. Boost Charging (Fast Charging)

  • बैटरी को जल्दी चार्ज करने के लिए अधिक करंट दिया जाता है।

     

  • आधुनिक EVs, Mobile Fast Charging में इसका प्रयोग।

🔋 बैटरी Testing Tools

1. Multimeter (Digital/Analog)

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  • उपयोग: बैटरी का Voltage, Current और Resistance मापने के लिए।
  • Lead-Acid, Li-ion, Ni-Cd सभी बैटरियों के लिए सामान्य।

2. Voltmeter

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  • केवल बैटरी का Voltage नापने के लिए।
  • Open Circuit Voltage (OCV) → बैटरी की चार्ज स्थिति का अनुमान।

3. Hydrometer (Lead-Acid Battery के लिए)

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  • उपयोग: Electrolyte की Specific Gravity (SG) मापने के लिए।
  • SG के आधार पर बैटरी का State of Charge (SOC) पता चलता है।
  • उदाहरण:
    • 1.280 → Fully Charged
    • 1.200 → 50% Charged
    • 1.100 → Discharged

4. Battery Load Tester

  • बैटरी पर लोड डालकर उसका Voltage Drop चेक करता है।
  • यदि वोल्टेज तेजी से गिरता है → बैटरी कमजोर है।

5. Clamp Meter

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  • बैटरी चार्जिंग और डिस्चार्जिंग करंट नापने के लिए।
  • बिना तार को काटे, केवल वायर पर क्लैंप लगाकर।

6. Battery Analyzer

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  • बैटरी की Health, Capacity, Internal Resistance, Cycle Life आदि की रिपोर्ट देता है।
  • EVs और Modern बैटरियों में ज्यादा उपयोग।

7. Conductance Tester / Internal Resistance Tester

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image : indiamart.com

  • बैटरी की Internal Resistance चेक करता है।
  • Resistance अधिक हो तो बैटरी खराब होने लगी है।

🔋 बैटरी Connection Types

1. Series Connection (श्रृंखला संयोजन)

  • इसमें बैटरी के Positive टर्मिनल को दूसरी बैटरी के Negative टर्मिनल से जोड़ा जाता है।
  • कुल वोल्टेज = श्रृंखला में जुड़ी सभी बैटरियों के वोल्टेज का योग होता है।
  • करंट (Capacity, Ah) = समान रहता है

📌 उपयोग: जब ज्यादा वोल्टेज चाहिए (जैसे इन्वर्टर, EVs)।

2. Parallel Connection (समानांतर संयोजन)

  • इसमें बैटरी के सभी Positive टर्मिनल आपस में और सभी Negative टर्मिनल आपस में जोड़े जाते हैं।
  • कुल वोल्टेज = एक बैटरी का वोल्टेज
  • करंट (Capacity, Ah) = सभी बैटरियों का योग

📌 उपयोग: जब ज्यादा समय तक बैकअप (High Capacity) चाहिए।

3. Series–Parallel Connection (संयुक्त संयोजन)

  • इस संयोजन में बैटरियाँ पहले श्रृंखला (Series) में जोड़ी जाती हैं, और तत्पश्चात उन श्रृंखलाओं को समानांतर (Parallel) में जोड़ा जाता है।
  • इससे Voltage भी बढ़ता है और Capacity भी बढ़ती है।

📌 उपयोग: बड़े Power Systems (Solar Plants, UPS, EV Battery Packs)।

🔋 ITI Electrician के लिए बैटरी का महत्व (Battery Importance) – NCVT Online Exam

बैटरी विद्युत इंजीनियरिंग की एक अत्यंत महत्वपूर्ण इकाई है। यह ऊर्जा को रासायनिक रूप में संग्रहित करती है और आवश्यकता पड़ने पर विद्युत ऊर्जा (DC Supply) के रूप में उपलब्ध कराती है। NCVT Online Exam (ITI Electrician) में बैटरी का अध्याय बार-बार पूछा जाता है, क्योंकि यह थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों दृष्टिकोण से जरूरी है।

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