ITI Electrician : Star and Delta Connection -NCVT Online Exam

ITI Electrician - Polyphase System - NCVT Online

एक ITI Electrician के लिए Star and Delta Connection की समझ अनिवार्य है। ये कनेक्शन मोटर्स, ट्रांसफॉर्मर्स और पावर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। तीन-फेज विद्युत प्रणाली (Three-Phase System) आधुनिक बिजली वितरण और औद्योगिक मशीनों के संचालन की रीढ़ है।

Table Of Conent

Polyphase System (पॉलीफेज सिस्टम) क्या है?

दो या दो से अधिक कलाओं (Phases) की प्रणाली को बहुकलीय प्रणाली (Polyphase System) कहा जाता है, जैसे 2-कलीय प्रणाली और 3-कलीय प्रणाली आदि। जब कलाओं की संख्या तीन या उससे अधिक हो, तब उसे बहुकलीय प्रणाली कहा जाता है।

इस प्रणाली में प्रत्येक फेज की वोल्टेज और आवृत्ति समान होती है, परन्तु फेजों के बीच एक निश्चित कलान्तर (Phase Difference) होता है। ए.सी. बहुकलीय प्रणाली (AC Polyphase System) का आउटपुट फेजों की संख्या पर निर्भर करता है; 

अर्थात् जितने अधिक फेज होंगे, आउटपुट उतना ही संतुलित, कुशल और अधिक शक्तिशाली होगा। इसलिए, फेजों की संख्या बढ़ने पर प्रणाली की आउटपुट शक्ति भी बढ़ जाती है।

🔹 मुख्य प्रकार (Types of Polyphase System)

1. Single Phase System (एक-फेज प्रणाली)

👉 इसमें केवल एक वैकल्पिक धारा होती है।
👉 घरेलू उपयोग (Home appliances) में आमतौर पर उपयोग होता है।

3. Two Phase System (द्वि-फेज प्रणाली)

ITI Electrician - 2 phase system - NCVT Online

 👉 अब यह सिस्टम कम उपयोग होता है। इसमें दो धाराएं होती हैं जिनके बीच 90° का फेज अंतर होता है।

2. Three Phase System (त्रि-फेज प्रणाली)

ITI Electrician -3 phase system- NCVT Online

👉 इसमें तीन वैकल्पिक धाराएं होती हैं, जिनके बीच 120° का फेज अंतर होता है।
👉 इंडस्ट्रियल और हाई पावर एप्लिकेशंस में इस्तेमाल होता है।

🔹 त्रि-फेज प्रणाली (Three Phase System) के लाभ:

  1. शक्ति का स्थिर वितरण (Constant Power Delivery):
    लोड पर शक्ति (Power) का वितरण अधिक स्थिर होता है।

  2. कम तांबे की खपत (Less Copper Required):
    वही शक्ति देने के लिए कम तारों की आवश्यकता होती है, जिससे लागत घटती है।

  3. उच्च दक्षता (High Efficiency):
    मोटर और ट्रांसफॉर्मर अधिक कुशलता से कार्य करते हैं।

  4. स्व-प्रारंभ मोटर (Self-starting Motors):
    तीन फेज़ मोटर को शुरू करने के लिए अतिरिक्त यंत्रों की आवश्यकता नहीं होती।

🔹 तीन फेज सिस्टम के कनेक्शन:

  1. स्टार (Star/Y) कनेक्शन

  2. डेल्टा (Delta/Δ) कनेक्शन

जब तीन फेज़ (R, Y, B) के सिरों को इस प्रकार जोड़ा जाता है कि उनके एक सिरा एक सामान्य बिंदु (न्यूट्रल पॉइंट – Neutral Point) पर मिलते हैं, और बाकी सिरों को बाहरी लाइन से जोड़ा जाता है, तो उसे स्टार कनेक्शन (Star Connection / Y-Connection) कहा जाता है।

ITI Electrician - Star Connection - NCVT Online

🔹 स्टार कनेक्शन की संरचना (Structure of Star Connection):

  • तीन फेज: R (Red), Y (Yellow), B (Blue)

  • एक न्यूट्रल वायर (Neutral wire)

  • न्यूट्रल पॉइंट को ज़मीन (Earth) से जोड़ा जा सकता है

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Key Characteristics):

विशेषता विवरण

लाइन वोल्टेज

√3 × फेज वोल्टेज
लाइन करंट
= फेज करंट
न्यूट्रल उपलब्ध
हाँ
प्रयुक्त स्थान
लाइट लोड वाले सिस्टम, ट्रांसफॉर्मर सेकेंडरी, घरेलू सप्लाई

🔹 स्टार कनेक्शन के लाभ (Advantages of Star Connection):

  1. न्यूट्रल वायर की सुविधा:
    अलग-अलग फेज से अलग-अलग लोड सप्लाई की जा सकती है।

  2. कम फेज वोल्टेज:
    प्रत्येक वाइंडिंग पर वोल्टेज कम होता है, जिससे इंसुलेशन की आवश्यकता कम होती है।

  3. घरेलू और कमर्शियल उपयोग:
    स्टार कनेक्शन से 230V (1-फेज) और 415V (3-फेज) दोनों मिलते हैं।

  4. कम करंट:
    करंट कम होने के कारण ताम्बे की बचत होती है।

🔹 उपयोग (Applications):

  • ट्रांसफॉर्मर का सेकेंडरी साइड

  • इंडस्ट्रियल मशीनों के लिए सप्लाई

  • घरेलू बिजली वितरण

  • स्टार-डेल्टा स्टार्टर में मोटर स्टार्ट करने के लिए

🔺 डेल्टा कनेक्शन (Delta / Δ Connection)

 जब तीन फेज़ (R, Y, B) की वाइंडिंग्स को इस प्रकार जोड़ा जाता है कि एक वाइंडिंग का अंत दूसरी वाइंडिंग की शुरुआत से जुड़ जाए और तीनों सिरों से तीन लाइनें निकलें — जिससे एक त्रिकोण (△ या डेल्टा) बनता है — तो उसे डेल्टा कनेक्शन (Delta Connection) कहा जाता है।

ITI Electrician - Delta Connection - NCVT Online Exam

🔹 डेल्टा कनेक्शन की संरचना (Structure):

  • कोई न्यूट्रल पॉइंट नहीं होता

  • तीन लाइनें — R, Y, B — तीनों वाइंडिंग्स के जंक्शन से ली जाती हैं

  • त्रिकोण की तरह जुड़ा रहता है

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Key Characteristics)

विशेषता विवरण

लाइन वोल्टेज

फेज वोल्टेज
लाइन करंट
√3 × फेज करंट
न्यूट्रल उपलब्ध
❌ (नहीं होता)
प्रयुक्त स्थान
हेवी ड्यूटी मोटर्स, ट्रांसफॉर्मर प्राइमरी

🔹 डेल्टा कनेक्शन के लाभ (Advantages of Delta Connection)

  1. उच्च टॉर्क और शक्ति (High Torque and Power):
    डेल्टा कनेक्शन में फुल लाइन वोल्टेज मिलता है, जिससे मोटर को अधिक टॉर्क और शक्ति प्राप्त होती है।

  2. न्यूट्रल की आवश्यकता नहीं (No Need of Neutral):
    यह कनेक्शन बैलेंस्ड लोड पर बिना न्यूट्रल के काम करता है, जिससे वायरिंग आसान हो जाती है।

  3. एक फेज फेल होने पर भी कार्य क्षमता (Continued Operation on One Phase Failure):
    यदि किसी कारण एक फेज बंद हो जाए तो भी मोटर सीमित शक्ति पर कार्य करती रहती है (open delta condition)।

  4. कम फेज करंट (Lower Phase Current):
    लाइन करंट √3 से अधिक होता है, जिससे प्रत्येक वाइंडिंग में कम करंट होता है — इससे वाइंडिंग गर्म नहीं होती।

  5. मोटर के रनिंग ऑपरेशन के लिए उपयुक्त (Best for Running Condition):
    डेल्टा कनेक्शन मोटर को फुल पावर पर चलाने के लिए आदर्श होता है, विशेषकर इंडस्ट्रियल लोड में।

  6. संतुलित लोड पर अधिक कुशलता (Efficiency in Balanced Load):
    जब लोड संतुलित होता है, तब डेल्टा कनेक्शन सबसे कुशल और स्थिर प्रदर्शन देता है।

🔹 उपयोग (Applications of Delta Connection):

  • ट्रांसफॉर्मर का प्राइमरी साइड (उच्च वोल्टेज ट्रांसफर के लिए)
  • तीन-फेज़ इंडक्शन मोटर्स
  • स्टार-डेल्टा स्टार्टर में मोटर रनिंग के समय
  • इंडस्ट्रियल पावर डिस्ट्रीब्यूशन

🔸 स्टार बनाम डेल्टा तुलना (Star vs Delta Connection)

विशेषता स्टार कनेक्शन (Y) डेल्टा कनेक्शन (Δ)
वोल्टेज
VL = √3 × VPh
VL = VPh
करंट
IL = IPh
IL = √3 × IPh
न्यूट्रल पॉइंट
होता है (Yes)
नहीं होता (No)
उपयोग
लाइट लोड, घरेलू
हेवी लोड, मोटर, इंडस्ट्रियल

⚡ 3-कलीय प्रणाली से संबंधित प्रमुख पद

3-फेज प्रणाली विद्युत शक्ति के वितरण की एक प्रभावशाली विधि है, जिसका प्रयोग मोटर, ट्रांसफॉर्मर और इंडस्ट्रियल सिस्टम में होता है। इस प्रणाली से संबंधित कुछ प्रमुख पद नीचे दिए गए हैं:

1. फेज वोल्टेज (Phase Voltage)

किसी एक फेज (कला) और न्यूट्रल बिंदु के बीच मापी गई वोल्टेज को फेज वोल्टेज कहा जाता है।
इसे Vph​ द्वारा दर्शाया जाता है।

2. लाइन वोल्टेज (Line Voltage)

 किसी भी दो फेज (कलाओं) के बीच मापी गई वोल्टेज को लाइन वोल्टेज कहा जाता है।
इसे VL​ द्वारा दर्शाया जाता है।

3. फेज धारा (Phase Current)

किसी एक फेज वाइंडिंग में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा को कला धारा या फेज करंट कहा जाता है।
इसे Iph द्वारा दर्शाया जाता है।

4. लाइन धारा (Line Current)

 किसी भी दो फेज (कलाओं) के बीच मापी गई धारा को लाइन धारा कहा जाता है।
इसे IL​ द्वारा दर्शाया जाता है।

5. संतुलित लोड (Balanced Load)

यदि तीनों फेजों की वोल्टेज, धारा और पावर फैक्टर समान हों, तो उस स्थिति को संतुलित लोड कहते हैं।
यह स्थिति आदर्श मानी जाती है और इससे सिस्टम कुशलतापूर्वक कार्य करता है।

6. असंतुलित लोड (Unbalanced Load)

यदि तीनों फेजों की वोल्टेज, धारा या पावर फैक्टर अलग-अलग हों, तो उस स्थिति को असंतुलित लोड कहा जाता है।
यह स्थिति पावर लॉस और मशीन की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती है।

ITI Electrician ट्रेड में Star and Delta Connection का महत्व -NCVT Online Exam

ITI Electrician ट्रेड तकनीकी शिक्षा का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसमें छात्रों को विद्युत उपकरणों की स्थापना (Installation), मरम्मत (Repair) और रखरखाव (Maintenance) से संबंधित सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है।इस ट्रेड में Star (Y) और Delta (Δ) कनेक्शन की जानकारी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि ये कनेक्शन विद्युत शक्ति के वितरण (Distribution) और नियंत्रण (Control) की मूलभूत प्रणाली को दर्शाते हैं।

Electrician trade से संबंधित Mock Test के लिए यहाँ Click करे

FAQs

स्टार और Delta Connection में न्यूट्रल वायर किसमें होता है?
  • स्टार कनेक्शन में: न्यूट्रल वायर मौजूद होता है।

  • डेल्टा कनेक्शन में: न्यूट्रल वायर नहीं होता।

स्टार कनेक्शन ज्यादा सेफ माना जाता है क्योंकि वोल्टेज कम होता है और न्यूट्रल के कारण ओवरवोल्टेज की सुरक्षा मिलती है।

  • स्टार में:

    • लाइन वोल्टेज = √3 × फेज वोल्टेज

    • लाइन करंट = फेज करंट

  • डेल्टा में:

    • लाइन वोल्टेज = फेज वोल्टेज

    • लाइन करंट = √3 × फेज करंट

स्टार और डेल्टा कनेक्शन 3-फेज विद्युत प्रणाली में तीन फेज को जोड़ने के दो तरीके हैं:

  • स्टार कनेक्शन (Y): तीन फेज की तारें एक कॉमन न्यूट्रल पॉइंट से जुड़ी होती हैं।

  • डेल्टा कनेक्शन (Δ): तीन फेज एक त्रिकोण के रूप में आपस में जुड़े होते हैं और कोई न्यूट्रल नहीं होता।

स्टार कनेक्शन का उपयोग निम्नलिखित में किया जाता है:

  • लंबी दूरी की ट्रांसमिशन लाइनों में

  • लो वोल्टेज और हाई करंट एप्लिकेशन में

  • मोटर की स्टार्टिंग में (स्टार्टर में)

डेल्टा कनेक्शन का उपयोग निम्नलिखित में होता है:

  • इंडक्शन मोटर की रनिंग अवस्था में

  • हाई वोल्टेज और लो करंट एप्लिकेशन में

  • ट्रांसफॉर्मर के हाई वोल्टेज साइड में

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *