ITI Electrician : Difference between AC & DC current -NCVT Online

ITI Electrician Difference between AC & DC Current

विद्युत (Electricity) के क्षेत्र में काम करने वाले ITI Electrician को Difference between AC & DC current  जानना बहुत जरूरी है। इन दोनों प्रकार की धारा का उपयोग अलग-अलग जगहों पर होता है, और उनकी कार्य प्रणाली भी भिन्न होती है।

🔹 Current (विद्युत धारा)

Current (करंट) या विद्युत धारा उस प्रवाह (Flow) को कहते हैं जो इलेक्ट्रॉनों (electrons) के एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर बहने से उत्पन्न होता है।

👉 जब किसी परिपथ (circuit) में वोल्टेज लगाया जाता है, तो उसमें से इलेक्ट्रॉनों की धारा बहती है – इसी को करंट कहते हैं।

⚡ धारा के प्रकार (Types of Current) –

विद्युत धारा मुख्यतः दो प्रकार की होती है:

  1. AC Current
  2. DC Current

AC (Alternating Current) का मतलब है परिवर्ती धारा — यह वह विद्युत धारा होती है जो समय-समय पर अपनी दिशा बदलती रहती है

ITI Electrician Alternating current

🔄 Alternating करंट (AC) की विशेषताएँ (Key Features of Alternating Current)

  1. दिशा बदलती है – यह करंट समय के साथ एक बार आगे (positive) और एक बार पीछे (negative) की ओर प्रवाहित होता है।
  2. फ्रिक्वेंसी होती हैभारत में AC करंट की आवृत्ति (Frequency) 50 हर्ट्ज (Hz) होती है। इसका अर्थ है कि प्रति सेकंड विद्युत धारा अपनी दिशा 50 बार बदलती है।
  3. ग्राफ़ का स्वरूपइसका ग्राफ साइन वेव (Sine Wave) जैसा होता है।
  4. लंबी दूरी के लिए उपयुक्तAC करंट को ट्रांसफॉर्मर द्वारा वोल्टेज घटाकर/बढ़ाकर बहुत दूर तक भेजा जा सकता है।
  5. कम हानि (Loss)ट्रांसमिशन में ऊर्जा हानि DC के मुकाबले कम होती है।

⚙️ AC Current के स्रोत (Sources of Alternating Current)

  • बिजली उत्पादन केंद्र (Power Plants)
  • जनरेटर (Alternators)
  • पावर ग्रिड्स

🏠 AC Current के प्रयोग (Applications of Alternating Current)

  • घरों की बिजली सप्लाई (Lights, Fans, Refrigerator, TV)
  • फैक्ट्रियों में मशीनों का संचालन
  • बिजली ट्रांसमिशन लाइनें
  • इंडक्शन मोटर और ट्रांसफॉर्मर में उपयोग

🔃 Alternating करंट का लाभ (Advantages)

  • ट्रांसफॉर्मर द्वारा वोल्टेज को आसानी से बदला जा सकता है।
  • ट्रांसमिशन लाइन में कम नुकसान होता है।
  • अधिकतर घरेलू और औद्योगिक उपकरणों के लिए उपयुक्त है।

⚠️ सावधानी (Precautions)

  • AC करंट का झटका DC से अधिक खतरनाक हो सकता है।

     

  • सही इन्सुलेशन और अर्थिंग जरूरी है।

🔹 DC Current क्या है?

यह वह विद्युत धारा होती है जो हमेशा एक ही दिशा में प्रवाहित होती है , उसे DC Current कहते हैं 

जैसे: बैटरी से निकलने वाली करंट सदा एक ही दिशा में बहती है।

ITI Electrician dc current

🧲 DC Current के स्रोत (Sources):

  1. बैटरी (Battery)
  2. सेल (Cell)
  3. डायनेमो
  4. सोलर सेल
  5. DC जनरेटर

⚙️ DC Current के प्रयोग (Applications):

  • मोबाइल, लैपटॉप, टॉर्च, पावर बैंक
  • Arduino, Microcontroller, सर्किट बोर्ड
  • कार की बैटरी और DC मोटर
  • सभी चार्जर DC आउटपुट देते हैं

🔁 DC की विशेषताएँ (Key Features):

  1. दिशा स्थिर रहती है (एक ही दिशा में प्रवाह)
  2. वोल्टेज भी स्थिर होता है
  3. लंबी दूरी पर भेजना कठिन होता है
  4. ऊर्जा की हानि अधिक होती है
  5. ट्रांसफॉर्मर द्वारा वोल्टेज बदलना कठिन होता है

🔌 AC धारा और DC धारा में अंतर (Difference between AC & DC Current) -ITI Electrician

क्रमांक विषय AC (परिवर्ती धारा) DC (स्थिर धारा)
1
पूर्ण नाम (Full Form)
Alternating Current (परिवर्ती धारा)
Direct Current (स्थिर धारा)
2
धारा की दिशा
समय-समय पर दिशा बदलती रहती है
धारा की दिशा हमेशा एक ही रहती है
3
ग्राफ का रूप
साइन वेव (Sine Wave)
सीधी रेखा (Straight Line)
4
उत्पादन स्रोत
जनरेटर, पावर स्टेशन आदि
बैटरी, सेल, डायनेमो आदि
5
उपयोग
घरों में बिजली सप्लाई, पंखे, फ्रिज, टीवी आदि
मोबाइल, लैपटॉप, टॉर्च, कार बैटरी आदि
6
वोल्टेज का प्रवाह
घटता-बढ़ता है (0 से अधिकतम तक और फिर उल्टा)
स्थिर वोल्टेज (जैसे 5V, 12V आदि)
7
परिवहन दूरी
लंबी दूरी तक कम नुकसान के साथ भेजा जा सकता है
लंबी दूरी के लिए उपयुक्त नहीं
8
विद्युत शक्ति की हानि
कम हानि होती है
अधिक हानि हो सकती है
9
रूपांतरण
ट्रांसफॉर्मर की मदद से वोल्टेज आसानी से बदला जा सकता है
रूपांतरण कठिन होता है
10
आवृत्ति (Frequency)
भारत में 50 हर्ट्ज (Hz)
कोई आवृत्ति नहीं होती (0 Hz)

✅ Alternating करंट के लाभ (Advantages of AC over DC)

1. Alternating Current को आसानी से ट्रांसफॉर्म किया जा सकता है

वोल्टेज को ट्रांसफॉर्मर की सहायता से बढ़ाना या घटाना संभव है, जो DC में संभव नहीं।

2. लंबी दूरी तक ट्रांसमिशन में कम ऊर्जा हानि होती है

Alternating Current को हाई वोल्टेज पर भेजा जा सकता है जिससे बिजली का नुकसान कम होता है।

3. AC जनरेटर (Alternator) का निर्माण सरल और सस्ता होता है

इसकी बनावट DC जनरेटर की तुलना में आसान है।

4. रख-रखाव (Maintenance) कम होता है

DC मोटर और जनरेटर में ब्रश और कम्युटेटर होते हैं जिनमें घिसाई होती है, जबकि AC सिस्टम में ऐसा नहीं।

5. Alternating Current को सीधे उपयोग किया जा सकता है

घरों, दुकानों और उद्योगों में मिलने वाली बिजली AC ही होती है और अधिकांश उपकरण AC पर ही चलते हैं।

6. सुरक्षित नियंत्रण और वितरण

Alternating Current का वितरण सिस्टम अधिक विश्वसनीय और स्थिर होता है, खासकर ग्रिड सिस्टम में।

7. प्राकृतिक रूप से उत्पन्न करना आसान

अधिकतर बिजली संयंत्र जैसे जलविद्युत, थर्मल, पवन आदि Alternating Current उत्पन्न करते हैं।

8. किफायती (Economical)

AC सिस्टम की वायरिंग और वितरण लागत DC सिस्टम की तुलना में कम होती है।

❌ AC के नुकसान (Demerits of AC compared to DC)

1. AC की जटिलता (Complexity)

 AC का संचालन और नियंत्रण DC की तुलना में थोड़ा जटिल होता है क्योंकि इसका वोल्टेज और धारा लगातार बदलती रहती है।

2. Skin Effect

AC में धारा केवल कंडक्टर की सतह पर प्रवाहित होती है, जिससे पूर्ण कंडक्टर का उपयोग नहीं होता और ऊर्जा हानि बढ़ जाती है।

3. हर्मोनिक्स और पावर क्वालिटी

AC सिस्टम में हार्मोनिक्स और पावर फैक्टर की समस्या हो सकती है, जिससे विद्युत उपकरणों की दक्षता प्रभावित होती है।

4. ऊर्जा का नुकसान (Energy Loss)

ट्रांसफॉर्मर और अन्य AC उपकरणों में ऊर्जा का कुछ हद तक नुकसान होता है, जबकि DC प्रणालियों में यह नुकसान अपेक्षाकृत कम होता है।

5. इलेक्ट्रॉनिक सर्किट्स के लिए उपयुक्त नहीं

 ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और डिजिटल सर्किट DC पर ही बेहतर काम करते हैं।

6. मशीनों में घर्षण और शोर

AC मोटरों में घर्षण, शोर और कंपन DC मोटरों की तुलना में अधिक होता है।

7. स्थिरता में कमी

AC में बिजली की आपूर्ति में अनियमितता (फ्लिकरिंग) और वोल्टेज में उतार-चढ़ाव की समस्या हो सकती है।

हालांकि  AC के कुछ नुकसान हैं  और DC कुछ जगहों पर बेहतर है (जैसे बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, EV), लेकिन बिजली वितरण (power distribution) और घरेलू/औद्योगिक उपयोग में आज भी AC करंट अधिक फायदेमंद है।

⚡ AC Current का महत्व – NCVT Online Exam के लिए

AC (Alternating Current) ही भारत सहित अधिकांश देशों में घरेलू व औद्योगिक विद्युत आपूर्ति का मुख्य स्रोत है (230V, 50Hz)।

👉 इसलिए NCVT सिलेबस में इसकी विशेष भूमिका है।

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AC Current और DC Current क्या होते हैं?
  • AC Current वह धारा होती है जिसमें करंट की दिशा समय के साथ बदलती रहती है।

  • DC Current वह धारा होती है जिसमें करंट की दिशा हमेशा एक ही होती है।

AC करंट लंबी दूरी पर बिजली ट्रांसमिट करने के लिए बेहतर होता है, क्योंकि इसे ट्रांसफॉर्मर की मदद से आसानी से वोल्टेज में बदला जा सकता है और ट्रांसमिशन में ऊर्जा का नुकसान कम होता है।

DC करंट का उपयोग बैटरियों, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों (जैसे मोबाइल, लैपटॉप), इलेक्ट्रिक वाहन और सोलर सिस्टम में होता है।

दोनों ही करंट खतरनाक हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर AC करंट शरीर पर ज्यादा असर डालता है, क्योंकि यह लगातार दिशा बदलता है और मांसपेशियों को अधिक प्रभावित कर सकता है।

तकनीकी रूप से संभव है, लेकिन अधिकांश घरेलू उपकरण AC पर आधारित होते हैं। DC सिस्टम के लिए विशेष वायरिंग और उपकरण की जरूरत होती है।

  • AC करंट की फ़्रीक्वेंसी भारत में 50 हर्ट्ज़ (Hz) होती है, यानी यह एक सेकंड में 50 बार दिशा बदलता है।

  • DC करंट की कोई फ़्रीक्वेंसी नहीं होती, क्योंकि यह एक ही दिशा में बहता है।

एक Electrician को AC और DC दोनों सिस्टम की जानकारी होनी चाहिए ताकि वह सही उपकरणों का चयन कर सके, वायरिंग कर सके और सुरक्षा मानकों का पालन कर सके।

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