Hydro power plant

Hydro Power Plant

Hydro Power Plant में किसी नदी या नहर पर ‘बैराज’ या ‘बाँध’ बनाकर जल एकत्र किया जाता है और एकत्रित जल को ऊँचाई से गिराकर जल टरबाइन चलाई जाती है। यह टरबाइन, आल्टरनेटर को यान्त्रिक शक्ति प्रदान करती है और आल्टरनेटर, विद्युत शक्ति उत्पन्न करता है। जल शक्ति संयन्त्र की स्थापना लागत अधिक होती है, परन्तु कार्यकारी व्यय (running cost) कम होता है जिसके कारण जल द्वारा उत्पन्न विद्युत, अन्य प्रकार से उत्पन्न विद्युत की अपेक्षा सस्ती पड़ती है।

Hydro Power Plant के अन्तर्गत एक नदी या झील पर बाँध का निर्माण किया जाता है और भराव क्षेत्र से जल को एकत्रित करके बांध के पीछे जमा किया जाता है ताकि जलाशय (reservoir) बनाया जा सके। इस जलाशय से एक प्रैशर चैनल निकाला जाता है और पेनस्टॉक (penstock) के शीर्ष पर उपस्थित वाल्व हाउस तक जल को पहुँचाया जाता है।

Hydro Power Plant के इस वाल्व हाउस में मुख्य जलमार्ग व स्वतः पृथक्कारी (isolating) वाल्व होते हैं। ये वाल्व पावर हाउस तक जल के बहाव पर नियन्त्रण करते हैं और जब पेनस्टॉक भर जाता है, तो जल की सप्लाई को बन्द कर देते हैं। इस वाल्व हाउस से एक बड़े स्टील पाइप जिसे पेनस्टॉक कहते हैं, के द्वारा जल को टरबाइन तक पहुंचाया जाता है।

जल टरबाइन, जल ऊर्जा को यान्त्रिक ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है। इस टरबाइन के द्वारा आल्टरनेटर को चलाया जाता है, जो यान्त्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है। इसमें एक सर्ज टैंक (surge tank) भी होता है जिसे वाल्व हाउस से ठीक पहले बनाया जाता है।

विद्युत लोड न होने की स्थिति में जब टरबाइन गेट अचानक बन्द हो जाते हैं तो पेनस्टॉक को क्षति पहुँच सकती है। अतः अतिरिक्त जल इस सर्ज टैंक में पहुंचाकर पेनस्टॉक को क्षति होने से बचाया जा सकता है।

Hydro Power Plant के प्रकार

Hydro Power Plant का वर्गीकरण भिन्न-भिन्न आधारों पर निम्न प्रकार किया जा सकता है-

1. जल-प्रवाह नियमन के आधार पर

  1.  पोखर रहित रन ऑफ रिवर संयन्त्र (Run-off river plant without pondage)
  2. पोखर सहित रन ऑफ रिवर संयन्त्र (Run-off river plant with pondage)
  3. जलाशय युक्त संयन्त्र (Reservoir plant)

2. लोड के आधार पर

  • मूल लोड संयन्त्र (Base load plant)
  • पीक लोड संयन्त्र (Peak load plant)
  • पम्प भण्डारण संयन्त्र (Pump storage plant)

3. शीर्ष के आधार पर On the Basis of Head

  •  निम्न शीर्ष संयन्त्र (Low head plant)
  • मध्यम शीर्ष संयन्त्र (Medium head plant)
  • उच्च शीर्ष संयन्त्र (High head plant)

1. जल प्रवाह नियमन के आधार पर

जल प्रवाह नियमन के अनुसार वर्गीकरण निम्न प्रकार है-

(i) पोखर रहित रन ऑफ रिवर संयन्त्र (Run-off river plant without pondage)

इस प्रकार के Hydro Power Plant  में पानी को भण्डारित करने की सुविधा नहीं होती है। ये जल के आने की स्थिति पर ही कार्यरत होते हैं। इसमें जल के प्रवाह को भी नियन्त्रित नहीं किया जा सकता है। अधिक जल प्रवाह एवं कम लोड होने की स्थिति में जल व्यर्थ हो जाता है, जबकि कम प्रवाह की स्थिति में इन संयन्त्रों की क्षमता निम्न होती है।

(ii) पोखर सहित रन ऑफ रिवर संयन्त्र (Run-off river plant with pondage)

इस Hydro Power Plant में जल भण्डारण के लिए पोखरों की व्यवस्था होती है। इन संयन्त्रों में समय के साथ उत्पन्न लोड अस्थिरता (instability) का ध्यान रखा जाता है। इस प्रकार के संयन्त्रों में बाढ़ की स्थिति में टेल रेस वाटर स्तर को बढ़ने नहीं दिया जाता है। इस प्रकार के संयन्त्र मूल लोड अथवा पीक लोड संयन्त्रों के समान कार्य करते हैं।

(iii) जलाशय युक्त संयन्त्र (Reservoir plant)

विश्व के अधिकतर सभी Hydro Power Plant इस प्रकार के ही हैं। इसमें बाँध के पीछे बड़े जलाशय में पानी एकत्रित रहता है। इसमें जल प्रवाह को नियन्त्रित करने की भी व्यवस्था होती है, जिससे ये अधिक दक्षतापूर्ण कार्य करने में सक्षम होते हैं। जलाशय में भण्डारित जल प्रवाह की दर व लोड के आधार पर इन्हें मूल लोड अथवा पीक लोड संयन्त्री के रूप में प्रयोग किया जाता है।

2. लोड के आधार पर On the Basis of Load

लोड के आधार पर Hydro Power Plant का वर्गीकरण निम्न प्रकार है-

(i) मूल लोड संयन्त्र (Base load plant)

ये Hydro Power Plant प्रणाली को मूल लोड प्रदान करते हैं। यह उच्च लोड गुणक (factor) पर प्रचालित होते है तथा इससे प्राप्त सप्लाई लगभग नियत होती है। किसी भी संयन्त्र को मूल लोड संयन्त्र के रूप में प्रयोग करने के लिए उससे उत्पादित ऊर्जा की प्रति इकाई लागत (unit cost) निम्न होनी चाहिए। जल स्रोत युक्त संयन्त्र मूल लोड संयन्त्र के रूप में प्रयुक्त किए जाते हैं।

(ii) पीक लोड संयन्त्र (Peak load plant)

इस Hydro Power Plant के द्वारा सप्लाई को शिखर (peak) लोड प्रदान किया जाता है। पोखर सहित रन ऑफ संयन्त्र कम प्रवाह अवधि में पीक लोड संयन्त्र के रूप में प्रयोग किए जा सकते हैं। इसके अलावा जल स्रोत युक्त संयन्त्र भी इसके रूप में प्रयोग कर सकते हैं। ये संयन्त्र मौसम के अनुसार बड़ी मात्रा में भण्डारण करने में सक्षम होते हैं। ये संयन्त्र निम्न लोड गुणक पर कार्यरत होते हैं। ये ऑफ-पीक अवधि में जल भण्डारित करके उसका प्रयोग पीक लोड अवधि में करते हैं।

(iii) पम्प भण्डारण संयन्त्र (Pump storage plant)

यह एक विशेष प्रकार का पीक लोड Hydro Power Plant होता है, जोकि पीक लोड अवधि में शीर्ष जल पोखर से पेनस्टॉक (बाल जल मार्ग) के द्वारा जल लेता है तथा पीक लोड को सप्लाई करने के लिए विद्युत शक्ति उत्पन्न करता है। इसके विपरीत ऑफ पीक अवधि में यह पानी ही पम्प के द्वारा तल जल पोखर से शीर्ष जल पोखर को पहुंचाया जाता है।

यह पानी ही पुनः पीक लोड अवधि में ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है।

3. शीर्ष के आधार पर

शीर्ष के आधार पर Hydro Power Plant का वर्गीकरण निम्न प्रकार है

(i) निम्न शीर्ष संयन्त्र (Low head plant)

जब जल शीर्ष 30 मी से कम होता है, तो वह निम्न शीर्ष संयन्त्र कहलाता है। एक बाँध अथवा बैराज नदी के एक्रॉस आवश्यक शीर्ष बनाते हैं। बाँध के निकट ही शक्ति संयन्त्र स्थापित किए जाते हैं तथा इसमें प्रवाहयुक्त टैंक की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

(ii) मध्यम शीर्ष संयन्त्र (Medium head plant)

इनका शीर्ष 30 से 100 मी के मध्य होता है। इसमे खुले चैनल, मुख्य जल स्रोत से पानी फोरबे (forebay, तलीयुक्त पोखर) तक लाते हैं जहाँ पर पेनस्टॉक के द्वारा टरबाइन तक जल पहुँचाया जाता है।

(iii) उच्च शीर्ष संयन्त्र (High head plant)

100 मी से अधिक शीर्ष पर प्रचालित होने वाले संयन्त्र उच्च शीर्ष संयन्त्र की श्रेणी में आते हैं। इनमें मुख्य जल स्रोत से सुरंग द्वारा जल, प्रवाहयुक्त टैंक में लाया जाता है तथा इससे पेनस्टॉक के द्वारा बिजलीघर को जल प्रदान किया जाता है।

सामान्यतया फ्रांसिस टरबाइन 200 मी से अधिक एवं पेलटन टरबाइन इससे अधिक शीर्ष के लिए प्रयोग किए जाते हैं।

लाभ Advantages

  • इस पर वातावरणीय प्रभाव निम्न होता है।

  • इसे सम्पूर्ण विश्व में प्रयोग किया जा सकता है।

  • इसका ईंधन स्रोत अनन्त है।

  • उपयोगी ऊर्जा उत्पादन के लिए यह एक व्यावहारिक स्रोत है।

हानियाँ Disadvantages

  • इसके छोटे मॉडल नदी के तीव्र प्रवाह की उपलब्धता पर निर्भर करते हैं। • रन-ऑफ रिवर संयन्त्र मछली एवं जलीय जीवन को प्रभावित करते हैं।
  • बाँध बनाने में बहुत लागत आती है।

  • पहाड़ी स्थानों में पारेषण लाइनें स्थापित करने में अधिक व्यय होता है।

अनुप्रयोग Applications

  •  विद्युत ऊर्जा उत्पादन में।
  • खेती के लिए जल संग्रहित करने में।

  • नदियों में आने वाले उफानों व बहावों को नियन्त्रित करने में।

  •  जल के वितरण तथा संग्रहण हेतु।

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