परमाणु भी प्रकृति का सूक्ष्मतम कण नहीं है। यह मुख्यतः प्रोटॉन, न्यूट्रॉन तथा इलेक्ट्रॉन से बना होता है। परमाणु की संरचना, हमारे सौरमण्डल (solar system) ये मिलती-जुलती है। सौरमण्डल का केन्द्र है- सूर्य, इसके चारों ओर विभिन्न कक्षाओं (परिक्रमा पथों) में शुक्र, बुध, पृथ्वी, मंगल आदि ग्रह परिक्रमा करते रहते हैं।
ठीक इसी प्रकार, प्रत्येक परमाणु में एक केन्द्रीय संयन माग होता है, जो नाभिक कहलाता है और उसके चारों ओर विभिन्न काসী (orbits) में इलेक्ट्रॉन्स परिक्रमा करते रहते हैं। ये कक्षाएँ प्रायः दीर्घवृतीय (elliptical) होती है।
Electron Proton और Neutron का आविष्कार विज्ञान के इतिहास में महत्वपूर्ण घटनाएं रही हैं, जो हमें परमाणु की संरचना को समझने में मदद करती हैं। इन कणों के आविष्कार से पहले, वैज्ञानिकों को यह समझने में मुश्किल हो रही थी कि पदार्थ किससे बना है।

नाभिक (Nucleus)
1911 में अर्नेस्ट रदरफोर्ड (Ernest Rutherford) ने परमाणु के केंद्र में नाभिक (nucleus) की खोज की।

🧪 रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की मुख्य बातें:
- परमाणु का अधिकांश भाग रिक्त (खाली) होता है।
- परमाणु के केंद्र में एक घना, धनावेशित क्षेत्र होता है — जिसे उन्होंने “नाभिक” (nucleus) कहा।
- सभी प्रोटॉन (धन आवेश) उस नाभिक में होते हैं।
- इलेक्ट्रॉन (ऋण आवेशित कण) नाभिक के चारों ओर परिक्रमा करते हैं, जैसे ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं।

आविष्कारक: जे. जे. थॉमसन (J.J. Thomson)
- साल: 1897
- कथन: 1897 में जे. जे. थॉमसन ने यह सिद्ध किया कि इलेक्ट्रॉन एक मौलिक कण है, जो ऋणात्मक आवेश (नकारात्मक चार्ज) के साथ परमाणु के भीतर स्थित होता है।
- प्रयोग: थॉमसन ने कैथोड रे ट्यूब का प्रयोग करते हुए, गैस से भरे ट्यूब में विद्युत प्रवाह प्रवाहित किया। उन्होंने देखा कि कुछ कण एक निश्चित दिशा में गति कर रहे थे, जो ऋणात्मक आवेश (नकारात्मक चार्ज) लिए हुए थे। इसी प्रयोग के माध्यम से थॉमसन ने इलेक्ट्रॉन की खोज की।
- द्रव्यमान : इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान अत्यंत कम होता है; यह प्रोटॉन या न्यूट्रॉन के द्रव्यमान का लगभग 1/1836वाँ भाग होता है।
- स्थान : इलेक्ट्रॉन परमाणु के नाभिक के चारों ओर स्थित orbit में घूमते रहते हैं।
- चार्ज : इसका चार्ज -1 होता है
- कार्य : इलेक्ट्रॉन रासायनिक क्रियाओं में भाग लेते हैं, क्योंकि यह परमाणु की बाहरी कक्षा में रहते हैं और विभिन्न तत्वों के बीच बंधन (bonding) बनाते हैं।
- महत्व : इलेक्ट्रॉन की खोज ने यह सिद्ध किया कि परमाणु केवल सकारात्मक पदार्थ का एक समूह नहीं है, बल्कि उसमें छोटे, नकारात्मक कण भी होते हैं। इससे परमाणु की संरचना को समझने में मदद मिली।
2. प्रोटॉन (Proton)
- आविष्कारक: अर्नेस्ट रदरफोर्ड (Ernest Rutherford)
- साल: 1917
- कथन: 1917 में अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने प्रोटॉन की खोज की। रदरफोर्ड को यह समझ में आया कि परमाणु का अधिकांश द्रव्यमान नाभिक में स्थित होता है।
- प्रयोग: रदरफोर्ड ने हाइड्रोजन परमाणु (Hydrogen atom) पर शोध करते हुए, एक आणविक प्रतिक्रिया की। उन्होंने पाया कि परमाणु के नाभिक में एक कण है जो सकारात्मक चार्ज रखता है, और इसे उन्होंने प्रोटॉन नाम दिया।
- द्रव्यमान: प्रोटॉन का द्रव्यमान न्यूट्रॉन के बराबर होता है, और यह इलेक्ट्रॉन से लगभग 1836 गुना भारी होता है।
- स्थान: प्रोटॉन परमाणु के नाभिक (nucleus) में स्थित होते हैं।
- चार्ज: इसका चार्ज +1 होता है।
- कार्य: प्रोटॉन परमाणु के रासायनिक गुणों को निर्धारित करते हैं। प्रोटॉन की संख्या से ही तत्व की पहचान होती है (जैसे, हाइड्रोजन में 1 प्रोटॉन, हिलियम में 2 प्रोटॉन)। प्रोटॉन परमाणु के स्थायित्व में भी मदद करते हैं।
- महत्व: प्रोटॉन की खोज ने परमाणु के केंद्र में एक सकारात्मक चार्ज वाले कण का अस्तित्व स्थापित किया, और इसके बाद परमाणु मॉडल को अधिक परिष्कृत किया गया।
3. न्यूट्रॉन (Neutron)

- आविष्कारक: जेम्स चैडविक (James Chadwick)
- साल: 1932
- कथन: 1932 में जेम्स चैडविक ने यह खोज की कि परमाणु के नाभिक में एक ऐसा कण भी होता है, जिसका कोई चार्ज नहीं होता, लेकिन उसका द्रव्यमान प्रोटॉन जितना होता है। इसे न्यूट्रॉन कहा गया
- चार्ज: न्यूट्रॉन का कोई चार्ज नहीं होता (यह न्यूट्रल होता है)।
- प्रयोग: चैडविक ने बोरॉन पर अल्फा कणों की बमबारी की, जिससे नाभिक से एक ऐसा कण निकलता देखा गया, जिस पर कोई चार्ज नहीं था। बाद में इसी कण को न्यूट्रॉन कहा गया
- कार्य: न्यूट्रॉन परमाणु के नाभिक के स्थायित्व को बनाए रखते हैं और नाभिक के भीतर प्रोटॉन के बीच के आकर्षण बल को संतुलित करते है
- स्थान: न्यूट्रॉन भी परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन के साथ स्थित होते हैं।
- द्रव्यमान: न्यूट्रॉन का द्रव्यमान प्रोटॉन के बराबर होता है, लेकिन यह इलेक्ट्रॉन से लगभग 1836 गुना भारी होता है।
- महत्व: न्यूट्रॉन की खोज से परमाणु के नाभिक के बारे में हमारी समझ को और गहराई मिली, और यह परमाणु ऊर्जा के उपयोग में एक अहम कदम था, खासकर परमाणु बम और ऊर्जा के क्षेत्र में।
निष्कर्ष:
- Electron Proton और Neutron की खोज ने परमाणु संरचना को समझने में क्रांतिकारी बदलाव लाया।
- जे. जे. थॉमसन ने इलेक्ट्रॉन की खोज की, अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने प्रोटॉन की खोज की, और जेम्स चैडविक ने न्यूट्रॉन की खोज की।
- इन कणों की खोज ने न केवल भौतिकी और रसायनशास्त्र में नई संभावनाएं खोलीं, बल्कि आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
🔬 Isotope (समस्थानिक)
समस्थानिक वे परमाणु होते हैं:
- समस्थानिक वे परमाणु होते हैं जिनका परमाणु क्रमांक समान होता है — अर्थात् उनमें प्रोटॉनों की संख्या समान होती है,
- ➡️ इसका मतलब: एक ही तत्व (element) के अलग-अलग संस्करण जो रासायनिक रूप से समान होते हैं, लेकिन उनके द्रव्यमान (mass) अलग होते हैं।
📘 उदाहरण के लिए, प्रोटियम, ड्यूटेरियम और ट्रिटियम हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक हैं।”
⚛️ 2. Isobar (समभारिक)
समभारिक वे परमाणु होते हैं जिनमें प्रोटॉन की संख्या अलग होती है, लेकिन प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की कुल संख्या (द्रव्यमान संख्या) समान होती है।
🧪 उदाहरण:
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इलेक्ट्रॉन (Electron) क्या होता है?
इलेक्ट्रॉन (Electron) एक ऋणात्मक आवेश (नकारात्मक चार्ज) वाला मौलिक कण होता है, जो परमाणु के नाभिक के चारों ओर orbit में घूमता है।
इलेक्ट्रॉन (Electron) का द्रव्यमान कितना होता है?
लगभग 9.1 × 10⁻³¹ किलोग्राम होता है, जो प्रोटॉन के द्रव्यमान का लगभग 1/1836 भाग होता है।
इलेक्ट्रॉन (Electron) को किसने खोजा?
इलेक्ट्रॉन (Electron) की खोज J.J. Thomson ने 1897 में की थी।