DC Generator Working Principle very simple for NCVT online exam

DC Generator working principle

 DC Generator के अधिकतर प्रश्न NCVT online  परीक्षा मे पुछे जाते है जिनकी तैयारी आप Mock Test देकर कर सकते है

DC Generator working principle फैराडे के नियम पर आधारित होता है  DC Generator सामान्यतः वैद्युत यान्त्रिक ऊर्जा परिवर्तक है, जोकि डी. सी. स्रोत पर कार्य करता है। वैद्युतिक ऊर्जा को यान्त्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करने वाली मशीन, डी.सी. मोटर कहलाती है एवं यान्त्रिक ऊर्जा को डी.सी. वैद्युतिक ऊर्जा में परिवर्तित करने वाली मशीन, डी.सी. जनित्र कहलाती है। जल, वायु, वाष्प, परमाणु ऊर्जा व पेट्रोलियम ईंधन इत्यादि के द्वारा उत्पन्न यान्त्रिक शक्ति को जनित्र द्वारा वैद्युत शक्ति में परिवर्तित करके विभिन्न अनुप्रयोगों में प्रयोग किया जाता है।

 

डीसी जनरेटर की संरचना:

वैद्युतिक मशीनें सामान्यतः विद्युत चुम्बकीय प्रभाव (electro-magnetic effect) पर आधारित होती है। जैसे-वैद्युतिक मोटर्स एवं वैद्युतिक जनित्र इत्यादि। एक वैद्युतिक मोटर, वैद्युतिक ऊर्जा को यान्त्रिक ऊर्जा में जबकि एक वैद्युतिक जनित्र, यान्त्रिक ऊर्जा को वैद्युतिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है।

 एक वैद्युतिक मशीन के चलित भाग (movable parts) घूर्णीय (घृणीय मशीन) या रेखीय (रेखीय मशीन) दोनों प्रकार के हो सकते हैं। वैद्युतिक मशीनों की बाह्य आकृति में दो वैद्युतिक परिपथ होते हैं, जो एक चुम्बकीय परिपथ के द्वारा जुड़े होते है। जनित्र एवं मीटर के अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर भी वैद्युतिक मशीन के अन्तर्गत आता है, जोकि प्रत्यावर्ती धारा के वोल्टेज स्तर को परिवर्तित करता है।

वैद्युतिक मशीनों को ए.सी. एवं डी.सी. मशीनों में विभक्त किया जाता है। प्रत्यावर्ती धारा पर प्रचालित होने वाली वैद्युतिक मशीनों को, ए.सी. मशीन एवं दिष्ट धारा पर प्रचालित होने वाली वैद्युतिक मशीनों को डी.सी. मशीन कहते हैं। डी.सी. मशीन को मुख्यतः डी.सी. जनित्र एवं डी.सी. मोटर में विभक्त किया जाता है।

DC Generator Working Principle

DC Generator  या डायनमो, फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धान्त पर आधारित है। 

इस सिद्धान्त के अनुसार, “यदि किसी चालक को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में इस प्रकार गतिमान कराया जाए कि उसकी गति से चुम्बकीय बल रेखाओं का छेदन होता हो, तो उस चालक में वि.वा.ब. उत्पन्न हो जाता है।”

दूसरे शब्दो मे हम कह सकते है – 

” जब भी किसी कंडक्टर को परिवर्तनशील चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है (या किसी कंडक्टर को चुंबकीय क्षेत्र में घुमाया जाता है), तो कंडक्टर में एक ईएमएफ (विद्युत चालक बल) प्रेरित होता है। “

प्रेरित ईएमएफ की मात्रा की गणना डीसी जनरेटर के ईएमएफ समीकरण से की जा सकती है। डीसी जनरेटर में, फ़ील्ड कॉइल एक विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करती  हैं और आर्मेचर कंडक्टर ,चुम्बकीय क्षेत्र में घूमते हैं। इस प्रकार, आर्मेचर कंडक्टर में एक विद्युत चुम्बकीय रूप से प्रेरित ईएमएफ उत्पन्न होता है। 

प्रेरित धारा की दिशा फ्लेमिंग के दाहिने हाथ के नियम द्वारा ज्ञात की जाती  है।

 यदि जनित्र द्वारा यान्त्रिक ऊर्जा से डी.सी. उत्पन्न की जाती है, तो इसे डी.सी. जनित्र और यदि ए.सी. उत्पन्न की जाती है, तो इसे आल्टरनेटर कहते हैं।  यान्त्रिक ऊर्जा से डी.सी. उत्पन्न करने वाली छोटे आकार की मशीन डायनमो कहलाती है, जिसका उपयोग सामान्यतः विभिन्न प्रकार के वाहनों में बैटरी चार्जिंग के लिए किया जाता है।

डी.सी. जनित्र के भाग

डी.सी. जनित्र में निम्नलिखित मुख्य भाग होते है

Image Source – Google  image by : Alex Roderick

  • योक 
  • फील्ड पोल 
  • आर्मेचर
  • कम्यूटेटर
  • लेमिनेटेड कोर
  • फील्ड क्वॉयल
  • ब्रश तथा ब्रश-होल्डर
  • ब्रश-लीड
  • रॉकर प्लेट
  • एण्ड कवर
  • बियरिंग
  • शाफ्ट तथा पुली
  • कूलिंग फैन
  • बैड प्लेट
  • आई-बोल्ट
  • टर्मिनल-बॉक्स

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