ITI Electrician Notes – Cell and Battery Types

ITI Electrician Primary Cell types NCVT Online

Cell और Battery का ज्ञान NCVT Online Exam के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यह न केवल तकनीकी ज्ञान बढ़ाता है, बल्कि व्यावसायिक क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए एक मजबूत आधार भी तैयार करता है।

🔋 सैल (Cell) क्या है ?

सैल वह युक्ति है जो रासायनिक ऊर्जा को वैद्युतिक ऊर्जा में परिवर्तित करती है।
जब किसी रासायनिक क्रिया के फलस्वरूप विद्युत वाहक बल (emf) उत्पन्न होता है, तो उस युक्ति को सैल कहा जाता है।

सैल DC वोल्टेज प्रदान करता है, जिसका उपयोग विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक परिपथों में पावर सप्लाई के रूप में और रेडियो, मोबाइल, घड़ियाँ, टॉर्च आदि में किया जाता है।

कुछ प्रमुख बैटरी के प्रकार (Types of Batteries) दिये गये हैं:

Table Of Conent

प्राथमिक सेल (Primary Cell)

प्राथमिक सेल ऐसे विद्युत रासायनिक सेल होते हैं जिन्हें एक बार उपयोग करने के बाद पुनः चार्ज (Recharge) नहीं किया जा सकता।
इनमें रासायनिक अभिक्रिया अपरिवर्तनीय (Non-reversible) होती है।

प्राथमिक सेल के प्रकार के बारे मे नीचे समझाया गया है

⚡ Voltaic Cell (वोल्टाइक सेल)

वोल्टाइक सेल (Voltaic Cell), जिसे गैल्वैनिक सेल (Galvanic Cell) भी कहा जाता है, एक इलेक्ट्रोकेमिकल सेल है जो स्वतः होने वाली रासायनिक अभिक्रिया (Spontaneous Reaction) के माध्यम से रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।

👉 इसका नाम अलेसेंड्रो वोल्टा (Alessandro Volta) के नाम पर रखा गया है।

⚙️ घटक (Components):

भाग कार्य
एनोड (Anode)
जिंक (Zn) – जहाँ ऑक्सीडेशन होता है (इलेक्ट्रॉन छोड़ता है)
कैथोड (Cathode)
कॉपर (Cu) – जहाँ रिडक्शन होता है (इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है)
इलेक्ट्रोलाइट
ZnSO₄ (जिंक सल्फेट)
वायर
इलेक्ट्रॉनों को एनोड से कैथोड की ओर ले जाता है

🔋 कार्य सिद्धांत (Working Principle):

रासायनिक अभिक्रिया के द्वारा इलेक्ट्रॉनों का उत्पादन किया जाता है, और वे एक धातु से दूसरी धातु की ओर प्रवाहित होकर विद्युत धारा उत्पन्न करते हैं।

  • एनोड पर:
    Zn → Zn²⁺ + 2e⁻ (ऑक्सीडेशन)

     

  • कैथोड पर:
    Cu²⁺ + 2e⁻ → Cu (रिडक्शन)

👉 इलेक्ट्रॉन ज़िंक (एनोड) से निकलकर कॉपर (कैथोड) की ओर जाते हैं।

🧠 याद रखने के लिए सरल वाक्य:

ANOX और RED CAT
👉 ANode = OXidation
👉 REDuction = CAThode

🧰 वोल्टाइक सेल का उपयोग:

  • बैटरियों में (जैसे एल्कलाइन सेल, लिथियम सेल)
  • विज्ञान की पढ़ाई और प्रयोगशालाओं में

⚠️ वोल्टेइक सैल के दोष एवं निवारण

वोल्टेइक सैल में दो मुख्य प्रकार के दोष पाए जाते हैं:

दोष कारण निवारण
स्थानीय क्रिया
अशुद्ध जस्ते की छड़
पारे की परत चढ़ाना
ध्रुवाच्छादन
एनोड पर हाइड्रोजन गैस जमाव
MnO₂ का प्रयोग

⚡ डेनियल सेल (Daniel Cell)

डेनियल सेल (Daniel Cell) एक प्रकार का वोल्टाइक (या गैल्वैनिक) सेल है, जो रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।

इसे सन् 1836 में जॉन फ्रेडरिक डेनियल (John Frederic Daniell) द्वारा विकसित किया गया था।

⚙️ घटक (Components of Daniel Cell):

भाग सामग्री अभिक्रिया
एनोड
Zn (जिंक)
ऑक्सीडेशन: Zn → Zn²⁺ + 2e⁻
कैथोड
Cu (कॉपर)
रिडक्शन: Cu²⁺ + 2e⁻ → Cu
इलेक्ट्रोलाइट
ZnSO₄ और CuSO₄
आयनों का स्त्रोत
सॉल्ट ब्रिज
KCl या NaNO₃
आयन संतुलन बनाए रखने के लिए

✅ लाभ (Advantages):

  1. कम अनुरक्षण की आवश्यकता होती है।
  2. यह पर्यावरण के लिए सुरक्षित है — कोई हानिकारक गैस या अपशिष्ट नहीं उत्पन्न करता।

❌ हानि (Disadvantage):

  • यह एक प्राथमिक सैल है, इसलिए पुनः आवेशित (Recharge) नहीं किया जा सकता।

⚠️ दोष एवं निवारण (Defects and Remedies):

1. ध्रुवाच्छादन दोष नहीं होता –

क्योंकि कैथोड पर कॉपर सल्फेट (CuSO₄) का उपयोग किया जाता है, इसलिए वहाँ हाइड्रोजन गैस का उत्सर्जन नहीं होता, जिससे ध्रुवाच्छादन दोष उत्पन्न नहीं होता।

2. स्थानीय क्रिया दोष नहीं होता –

क्योंकि जस्ते (Zn) की छड़ को तनु गंधक अम्ल (H₂SO₄) में डुबोकर सरंध्र पात्र (porous pot) में रखा जाता है, जिससे अशुद्धियों के कारण लघु सैल नहीं बनते।

🔋 अनुप्रयोग (Applications):

  • प्रयोगशालाओं में स्थिर डी.सी. वोल्टेज प्रदान करने के लिए
  • विद्युत रासायनिक प्रयोगों व सिद्धांतों को समझाने और सिखाने के लिए उपयोग किया जाता है।

📘 लैक्लांशी सैल (Leclanché Cell)

  • यह एक प्राथमिक सैल है जिसका विकास G. Leclanché ने किया था।

  • यह अम्ल-रहित (acid-free) सेल है, जिसमें अमोनियम क्लोराइड (NH₄Cl) घोल का उपयोग इलेक्ट्रोलाइट के रूप में किया जाता है।
घटक सामग्री कार्य
एनोड
कार्बन की छड़ (C)
इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है
कैथोड
जस्ता छड़ (Zn)
इलेक्ट्रॉन छोड़ता है
इलेक्ट्रोलाइट
अमोनियम क्लोराइड (NH₄Cl)
आयन प्रदान करता है
विध्रुवक (Depolariser)
मैंगनीज डाइ-ऑक्साइड (MnO₂)
हाइड्रोजन गैस को जल में बदलता है
सरंध्र पात्र
पोरस पॉट
एनोड के चारों ओर होता है

🔬 रासायनिक अभिक्रियाएँ (Chemical Reactions):

✅ कैथोड (Zn) पर:

Zn + 2NH₄Cl → ZnCl₂ + 2NH₃ + H₂ ↑

✅ एनोड (C/MnO₂) पर:

2MnO₂ + H₂ → Mn₂O₃ + H₂O

✅ पुनः ऑक्सीकरण:

2Mn₂O₃ + O₂ → 4MnO₂

✅ लाभ (Advantages):

  1. सस्ती और आसानी से उपलब्ध।
  2. क्षारीय सैलों के विकल्प के रूप में उपयोगी।
  3. विभिन्न वोल्टेज रेंज में बाजार में उपलब्ध।

❌ हानियाँ (Disadvantages):

  1. लीकेज (leakage) की संभावना रहती है।
  2. अन्य क्षारीय सैलों की तुलना में ऊर्जा घनत्व कम होता है।
  3. धीमी विध्रुवण क्रिया के कारण वोल्टेज स्थिर नहीं रहता।

⚠️ दोष एवं निवारण (Defects & Remedies):

दोष समाधान
स्थानीय क्रिया
Zn छड़ पर पारा चढ़ाया जाता है।
ध्रुवाच्छादन
एनोड के चारों ओर MnO₂ डाला जाता है, जो हाइड्रोजन गैस को जल में बदल देता है।

📏 अन्य विवरण (Specifications):

  • विद्युत वाहक बल (EMF): लगभग 1.46 वोल्ट
  • आंतरिक प्रतिरोध: 1 से 5 ओम
  • वोल्टेज आपूर्ति: रुक-रुक कर (intermittent)

🔋 अनुप्रयोग (Applications):

  • टेलीफोन
  • विद्युत घंटी
  • फ्लैशलाइट
  • खिलौने
  • अन्य उपकरण जिनमें रुक-रुक कर करंट की आवश्यकता होती है।
  • शुष्क सैल एक प्राथमिक सैल है, जिसे Leclanché सैल का परिवर्तित रूप माना जाता है।
  • इसमें इलेक्ट्रोलाइट पेस्ट के रूप में होता है, न कि तरल रूप में।
  • इसका उपयोग दैनिक जीवन के अनेक छोटे उपकरणों में किया जाता है।
  • इसे कार्बन-जिंक सैल भी कहते हैं
घटक सामग्री कार्य
एनोड
कार्बन की छड़ (C)
इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है
कैथोड
जस्ता (Zn) पात्र
इलेक्ट्रॉन छोड़ता है
इलेक्ट्रोलाइट
NH₄Cl + ZnCl₂ + प्लास्टर ऑफ पेरिस का पेस्ट
आयनों का स्रोत
विध्रुवक (Depolariser)
MnO₂ + C + NH₄Cl + ZnCl₂ (10:10:2:1)
हाइड्रोजन गैस को जल में बदलता है

⚛️ रासायनिक अभिक्रियाएँ (Reactions):

कैथोड (Zn) पर (Oxidation):
Zn + 2NH₄Cl → ZnCl₂ + 2NH₃ + H₂

एनोड (C) पर (Reduction):
2MnO₂ + H₂ → Mn₂O₃ + H₂O
2Mn₂O₃ + O₂ → 4MnO₂ (पुनः चक्र)

✅ लाभ (Advantages):

  1. आकार में छोटा, हल्का और पोर्टेबल।
  2. सस्ता एवं आसानी से उपलब्ध।
  3. पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं।

❌ हानियाँ (Disadvantages):

  1. पुनः चार्ज नहीं किया जा सकता (Primary Cell)।
  2. निष्क्रिय हो जाने के बाद अनुपयोगी।
  3. लगातार उपयोग पर वोल्टेज कम हो सकता है।

📊 मुख्य विशेषताएँ (Key Features):

विशेषता विवरण
वोल्टेज
1.5 वोल्ट (AA, AAA, C, D)
लाइफ
2–3 साल
क्षमता
कम (Low energy capacity)
रिसाव की संभावना
ज़्यादा (पुरानी बैटरी से लीक हो सकता है)

🧰 अनुप्रयोग (Applications):

  • टॉर्च
  • टेलीफोन
  • विद्युत घण्टी
  • दीवार घड़ी
  • कैमरा
  • ट्रांजिस्टर रेडियो
  • टेपरिकॉर्डर
  • खिलौने आदि।

मरकरी सैल (Mercury Cell)

  • मरकरी सैल एक प्राथमिक सैल है, जो रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है।
  • इसे बटन सैल (Button Cell) भी कहा जाता है क्योंकि इसका आकार छोटा और गोल होता है।
  • इसका उपयोग मुख्यतः अत्यंत लघु उपकरणों में किया जाता है।

⚙️ संरचना (Construction):

भाग कार्य
एनोड (Anode)
जस्ता (Zn)
कैथोड (Cathode)
मरक्यूरिक ऑक्साइड (HgO)
इलेक्ट्रोलाइट
पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH) या ZnO युक्त KOH लुगदी
सेपरेटर
सरन्ध्र परत (porous separator)
बाहरी आवरण
स्टेनलेस स्टील / निकिल-आलेपित स्टील का बेलनाकार पात्र

⚛️ रासायनिक अभिक्रियाएँ (Reactions):

  • एनोड पर (Oxidation):
    Zn → Zn²⁺ + 2e⁻

  • कैथोड पर (Reduction):

    • HgO + H₂O + 2e⁻ → Hg (धातु) + 2OH⁻

✅ लाभ (Advantages):

  1. छोटा आकार, पोर्टेबल उपकरणों में प्रयोग हेतु उपयुक्त
  2. लम्बा जीवनकाल
  3. स्थिर वोल्टेज (1.35–1.4 V)

❌ हानियाँ (Disadvantages):

  1. मरकरी (Hg) के कारण विषाक्तता और पर्यावरण प्रदूषण
  2. आधुनिक पर्यावरण मानकों के अनुसार कम प्रचलन में

📐 अन्य विवरण (Specifications):

  • वोल्टेज (EMF): 1.35 – 1.4 वोल्ट
  • आकार: व्यास ~4 मिमी, ऊँचाई ~2.5 मिमी
  • प्रकृति: प्राथमिक सैल (Rechargeable नहीं)

🧰 अनुप्रयोग (Applications):

  • कलाई घड़ियाँ
  • श्रवण यंत्र (Hearing Aids)
  • पॉकेट कैलकुलेटर
  • छोटे डिजिटल उपकरण

⚡ सिल्वर ऑक्साइड सैल (Silver Oxide Cell)

यह एक प्राथमिक (Primary) बटन सैल होता है, जो अत्यधिक स्थिर वोल्टेज और लघु आकार के कारण इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में बहुत उपयोगी होता है।

🧪 संरचना (Construction):

भाग कार्य
एनोड (Anode)
जस्ता (Zn)
कैथोड (Cathode)
सिल्वर ऑक्साइड (Ag₂O)
इलेक्ट्रोलाइट
पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH) या सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH)
सेपरेटर
सरन्ध्र परत (porous separator)
बाहरी आवरण
स्टेनलेस स्टील / निकिल-आलेपित स्टील का बेलनाकार पात्र

⚗️ रासायनिक अभिक्रियाएँ

  •  एनोड पर (Oxidation):

             Zn → Zn²⁺ + 2e⁻
           (जस्ता ऑक्सीकृत होकर इलेक्ट्रॉन छोड़ता है)

  •  कैथोड पर (Reduction):

            Ag₂O + H₂O + 2e⁻ → 2Ag (धातु) + 2OH⁻

          (सिल्वर ऑक्साइड इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर धात्विक सिल्वर में बदलती है)

✅ लाभ (Advantages):

  • उच्च दक्षता (High Efficiency)
  • स्थिर वोल्टेज प्रदान करता है
  • लंबा जीवनकाल होता है
  • लीकेज की संभावना कम

❌ हानि (Disadvantages):

  • ये महँगे होते हैं
  •  सीमित उपयोग – केवल छोटे उपकरणों में उपयुक्त

⚙️ विशेष विवरण (Specifications):

  • विद्युत वाहक बल (EMF): लगभग 1.5 वोल्ट
  • आकार: छोटा, बटन सैल (Button Cell) के रूप में

🔌 अनुप्रयोग (Applications):

  • डिजिटल घड़ियाँ
  • कैलकुलेटर
  • कैमरा
  • मेडिकल उपकरण
  • हियरिंग एड (Hearing Aid)

क्षारीय सैल (Alkaline Cell)

क्षारीय सैल एक प्रकार का प्राथमिक सैल है, जो ड्राई सैल का उन्नत रूप होता है। इसमें क्षारीय इलेक्ट्रोलाइट (जैसे – KOH) का उपयोग किया जाता है, इसलिए इसे Alkaline Cell कहते हैं।

भाग कार्य
एनोड (Anode)
जस्ता पाउडर (Zn)
कैथोड (Cathode)
मैंगनीज डाइ-ऑक्साइड (MnO₂)
इलेक्ट्रोलाइट
इलेक्ट्रोलाइट पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH) – क्षारीय विलयन
सेपरेटर
सेपरेटर एनोड और कैथोड को अलग रखने वाला झिल्लीदार अवरोधक

⚙️ रासायनिक अभिक्रियाएँ (Chemical Reactions):

  • ✅ एनोड पर (Oxidation):

    Zn + 4OH⁻ → Zn(OH)₄²⁻ + 2e⁻

    🔹 जिंक इलेक्ट्रॉन छोड़कर ZnO में ऑक्सीडाइज़ होता है।

    ✅ कैथोड पर (Reduction):

    2 MnO₂ + H₂O + 2 e⁻ → Mn₂O₃ + 2 OH⁻

            🔹 मैंगनीज डाइ-ऑक्साइड इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके Mn₂O₃ में बदलता है।

📈 लाभ (Advantages):

  • यह सामान्य शुष्क सैल से अधिक लंबे समय तक चलता है।
  • इसका वोल्टेज आउटपुट स्थिर रहता है।
  • लीकेज की सम्भावना कम होती है।

⚠️ हानियाँ (Disadvantages):

  • यह सामान्य ड्राई सैल की तुलना में महँगा होता है।
  • इसे भी पुनः आवेशित नहीं किया जा सकता।

🔌 अनुप्रयोग (Applications):

  • रिमोट कंट्रोल
  • कैमरा
  • इलेक्ट्रॉनिक खिलौने
  • फ्लैशलाइट
  • दीवार घड़ियाँ

ITI Electrician ट्रेड में Cell और Battery के प्रकारों का महत्व -NCVT Online Exam

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FAQs -

प्राथमिक सेल क्या होता है?

प्राथमिक सेल एक बार उपयोग के लिए होता है। इसे चार्ज नहीं किया जा सकता। इसमें रासायनिक क्रिया अपरिवर्तनीय होती है।

ड्राई सेल एक प्राथमिक सेल है।

द्वितीयक सेल को कई बार चार्ज और डिस्चार्ज किया जा सकता है। इसमें रासायनिक क्रिया को पलटा जा सकता है।

लीड-एसिड बैटरी एक द्वितीयक सेल (Secondary Cell) है।

  • ड्राई सेल

  • जिंक-कार्बन सेल

  • अल्कलाइन सेल

  • मर्करी सेल

  • सिल्वर ऑक्साइड सेल

  • लीड-एसिड बैटरी

  • लिथियम-आयन बैटरी

  • निकल-कैडमियम बैटरी (Ni-Cd)

  • निकल मेटल हाइड्राइड बैटरी (NiMH)

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