Underground Cables: Construction, Classification of Cables

3 Phase cable types

Underground Cable (भूमिगत केबल)  एक प्रकार की विद्युत केबल होती है जिसे ज़मीन के नीचे बिछाया जाता है ताकि बिजली, संचार, या अन्य सिग्नल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक सुरक्षित रूप से पहुँचाया जा सके। यह केबलें आमतौर पर मिट्टी, कंक्रीट या सुरक्षात्मक पाइप के अंदर डाली जाती हैं।

भूमिगत केबल (Underground Cable) कई प्रकार की होती हैं, जो वोल्टेज, उपयोग और निर्माण के आधार पर अलग-अलग होती हैं। नीचे प्रमुख Underground Cables के प्रकार  दिए गए हैं:

🔌 भूमिगत केबल के प्रकार (Types of Underground Cable)

विभिन्न घटकों के आधार पर भूमिगत केबिल को विभिन्न वर्गों में वर्गीकृत किया गया है

1. कोर की संख्या के आधार पर (According to core number)

केबिल में उपस्थित कोर की संख्या के आधार पर केबिल को निम्न भागों में वर्गीकृत किया गया है

  • एकल कोर केबिल

  • दो कोर केबिल

  • तीन कोर केबिल

2. वोल्टता के आधार पर (On the basis of voltage)

केबिल्स का वर्गीकरण उनके कार्यकारी वोल्टेज के आधार पर निम्न प्रकार किया जाता है

  • लो टैन्शन केबिल (Low tension or LT cable) 1 kV तक।

  • हाई टैन्शन केबिल (High tension or HT cable) -1 kV से 11kV तक।
  • सुपर टैन्शन केबिल (Super tension or ST cable) -11 kV से 33kV तक।

  • EHT केबिल (Extra high tension or EHT cable)  -33 kV से 66 kV तक।

  • ऑयल फिल्ड एवं गैस प्रैशर केबिल (Oil filled and gas pressure cable)- 66 kV से 132kV तक।

3. अचालक पदार्थों के आधार पर (On the basis of insulating materials)

अचालक पदार्थों  के आधार पर, केबलों को निम्न विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है।

  •  MI केबिल-मिनरल इन्सुलेटेड केबिल।

  • XLPE केबिल-क्रॉस लिंक्ड पॉली एथीलीन केबिल।
  • PVC केबिल-पॉली विनायल क्लोराइड केबिल।

4. क्षेत्र के आधार पर (On the basis of area)

केबिल किस क्षेत्र में प्रयोग होगा, इस आधार पर केबिल को निम्नलिखित भागों में वर्गीकृत किया गया है

  •  इलेक्ट्रॉनिक केबिल

  •  विद्युत शक्ति केबिल

Types of 3 phase Underground Cable

तीन-फेज सप्लाई के लिए निम्नलिखित प्रकार की भूमिगत केबलों का प्रयोग किया जाता है।

  1.  बेल्टेड केबल (Belted Cable)
  2.  स्क्रीन केबल (Screened Cable)

  3. दाब केबिल (Pressure Cable)

🔌 बेल्टेड केबल (Belted Cable)

बेल्टेड केबल एक प्रकार की भूमिगत विद्युत केबल (Underground Power Cable) है, जिसे विशेष रूप से लो-वोल्टेज (Low Voltage) बिजली प्रणाली (11kV तक) के लिए उपयोग किया जाता है।

Belted cable (underground cable)

📘 बेल्टेड केबल की संरचना (Construction of Belted Cable)

 चालक (Conductor): 

  • कॉपर या एल्युमिनियम का बना होता है
  • विद्युत धारा ले जाने के लिए

इंसुलेशन (Insulation):

  • प्रत्येक कंडक्टर के चारों ओर पेपर आधारित या प्लास्टिक इंसुलेशन होता है।
  • यह शॉर्ट सर्किट से बचाता है।

बेल्ट इंसुलेशन (Belt Insulation):

  • सभी कोरों के चारों ओर एक कॉमन इंसुलेशन परत होती है जिसे बेल्ट कहते हैं।
  • यह केबल की यांत्रिक मजबूती और अतिरिक्त इंसुलेशन प्रदान करता है।

लेड शीथ (Lead Sheath):

  • नमी और रासायनिक तत्वों से केबल को बचाने के लिए धातु की परत

आर्मरिंग (Armouring):

  • स्टील वायर या टेप की परत जो केबल को यांत्रिक क्षति से बचाती है

सर्विंग (Serving):

  • बाहरी सुरक्षा परत जो पानी, केमिकल्स और वातावरण से रक्षा करती है।

⚙️ विशेषताएँ (Features):

  • सरल संरचना
  • निर्माण में सस्ती

  • केवल 11kV तक के उपयोग के लिए उपयुक्त

  • कोर के बीच अधिक स्पेस के कारण उच्च वोल्टेज पर नुकसानदायक

❌ कमियाँ (Disadvantages):

  • हाई वोल्टेज पर इलेक्ट्रिक स्ट्रेस के कारण फेल हो सकती है
  • कोर के बीच असमान दूरी से इलेक्ट्रिक फील्ड असंतुलित हो जाती है

✅ उपयोग (Uses):

  • शहरी और ग्रामीण बिजली वितरण
  • कारखानों और छोटे उद्योगों में

  • स्थायी इंस्टॉलेशन जहाँ 11kV तक की सप्लाई हो

2. शील्डेड केबिल Shielded Cable

इस प्रकार के केबिल का प्रयोग उच्च्च वोल्टेज, सामान्यतः 22kV से 660 हेतु किया जाता है। शील्डेड केबिल निम्न प्रकार के होते हैं

  • शील्डेड / H केबिल (Shielded or H cable)
  • SL केबिल (Separate lead cable)

🔌 H-Type Shielded Cable

H-Type Shielded Cable एक विशेष प्रकार की शील्डेड भूमिगत केबल (Underground Cable) होती है, जिसे खासकर मध्यम वोल्टेज (11kV से 33kV तक) के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह केबल उच्च गुणवत्ता वाली इलेक्ट्रिक फील्ड कंट्रोल और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हस्तक्षेप (EMI) से सुरक्षा देती है।

H Type cable (underground cable)

🧱 H-Type केबल की संरचना (Structure of H-Type Cable):

कंडक्टर (Conductor):

  • आमतौर पर तांबे (Copper) का बना होता है।

इंसुलेशन (Insulation):

  • प्रत्येक कंडक्टर के चारों ओर पेपर या सिंथेटिक इंसुलेशन।

सेपरेट शील्ड (Individual Core Shield):

  • प्रत्येक इंसुलेटेड कंडक्टर के चारों ओर एक धातु की शील्ड होती है (जैसे लेड, कॉपर फॉयल या मेटालाइज्ड पेपर)
  • यह हर कोर को अलग-अलग EMI से सुरक्षित रखती है।

लीड शीथ (Lead Sheath):

  • बाहरी नमी और रासायनिक प्रभावों से सुरक्षा

आर्मरिंग (Armouring):

  • स्टील वायर या टेप की परत जो केबल को यांत्रिक क्षति से बचाती है

सर्विंग (Serving):

  • बाहरी सुरक्षा परत जो पानी, केमिकल्स और वातावरण से रक्षा करती है।

📌 H-Type केबल की विशेषताएँ (Key Features):

✅ प्रत्येक कोर के लिए अलग-अलग शील्ड

✅ बेहतर इलेक्ट्रिक फील्ड कंट्रोल

✅ अधिक भरोसेमंद प्रदर्शन मध्यम वोल्टेज पर

✅ EMI से बेहतर सुरक्षा

✅ पेपर इंसुलेटेड और ऑयल-इम्प्रैगनेटेड डिज़ाइन

📍 H-Type Cable का उपयोग (Applications):

  • पावर स्टेशन से उपभोक्ताओं तक विद्युत सप्लाई में
  • इंडस्ट्रियल इंस्टॉलेशन
  • हाई voltage वाले क्षेत्र (जैसे रेलवे, फैक्ट्रियाँ)
  • 11KV से 33kV  वोल्टेज की भूमिगत पावर लाइनें

🔌 S.L. Type Shielded Cable

👉 S.L. Type Shielded Cable का पूरा नाम होता है:  Separated Lead Type Shielded Cable   या “S.L. प्रकार की शील्डेड केबल”।

यह केबल मुख्य रूप से मध्यम से उच्च वोल्टेज (33kV और उससे अधिक) के विद्युत ट्रांसमिशन में उपयोग की जाती है, और इसे H-Type केबल की तुलना में एक उन्नत और बेहतर प्रकार माना जाता है।

SL type cable (underground cable)

🧱 S.L. Type Shielded Cable की संरचना

कंडक्टर (Conductor):

  • आमतौर पर तांबा (Copper), जो विद्युत धारा वहन करता है।

इंसुलेशन (Insulation):

  • प्रत्येक कंडक्टर के चारों ओर उच्च गुणवत्ता वाला पेपर या सिंथेटिक इंसुलेशन होता है।

व्यक्तिगत शीथ (Individual Lead Sheath):

  • हर कोर (core) को एक अलग लेड शीथ से कवर किया जाता है। यह विशेषता इसे “Separated Lead” केबल बनाती है।

     


केबल फिलर और बेडिंग:

  • कोरों को एक साथ व्यवस्थित और मजबूती से बाँधने के लिए फिलर और टेप का उपयोग।

आर्मरिंग (Armouring):

  • स्टील वायर या टेप की परत जो केबल को यांत्रिक क्षति से बचाती है

सर्विंग (Serving):

  • बाहरी सुरक्षा परत जो पानी, केमिकल्स और वातावरण से रक्षा करती है।

📌 विशेषताएँ (Key Features):

  • प्रत्येक कोर की पूरी तरह अलग शील्डिंग
  •  बहुत बेहतर इलेक्ट्रिक फील्ड कंट्रोल

  •  उच्च वोल्टेज पर भी सुरक्षित और भरोसेमंद

  • गर्मी और नमी के विरुद्ध मजबूत सुरक्षा

📍 S.L. Type Cable के उपयोग (Applications):

  • 33kV या उससे अधिक वोल्टेज की भूमिगत पावर लाइनें
  • पावर ट्रांसमिशन नेटवर्क मे

  • सबस्टेशन से औद्योगिक संयंत्रों तक विद्युत आपूर्ति

3. दाब केबिल (Pressure Cable)

Pressure Cable (दाबयुक्त विद्युत केबल) एक विशेष प्रकार की भूमिगत उच्च वोल्टेज केबल होती है, जिसे विद्युत क्षेत्र (Electric Stress) को नियंत्रित करने और इंसुलेशन को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए दाब (Pressure) का प्रयोग किया जाता है।

यह PILCDTA प्रकार का केबिल होता है, जिसमें लैंड आवरण के अन्दर फाइबर जूट पदार्थ के स्थान पर ट्रांसफॉर्मर ऑयल भरा जाता है।इसका मुख्य उद्देश्य उच्च वोल्टेज पर इंसुलेशन की स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखना होता है।

 इसका उपयोग 66 kV से 220 kV तक के विद्युत वोल्टेज के लिए किया जाता है। स्थापना के दौरान यह आवश्यक है कि केबल के सिरे पूरी तरह से सील किए जाएं, ताकि केबल का ऑयल लीक न हो सके।

🧱 प्रेसर केबल के प्रकार (Types of Pressure Cable)

  1. ऑयल प्रेशर केबल (Oil Pressure Cable):
  2. गैस प्रेशर केबल (Gas Pressure Cable):

📘 ऑयल प्रेशर केबल (Oil Pressure Cable):

यह विशेष प्रकार की केबल होती है जो उच्च वोल्टेज (High Voltage) ट्रांसमिशन के लिए प्रयोग की जाती है। इसमें इंसुलेशन (परिरोधन) के लिए तेल भरा होता है जिससे केबल की विद्युत ताकत (Dielectric Strength) बढ़ती है और गर्मी का प्रबंधन (Heat Dissipation) बेहतर होता है।

Oil Filled Pressure cable n

यह केबल एक नियंत्रित दाब पर कार्य करती है ताकि तेल लीक न हो ताकि आंतरिक परतों में दरार या एयर गैप न बने और इन्सुलेशन बना रहे l केबल के अंदर एक विशेष तेल भरा होता है जो इन्सुलेशन की क्षमता को बढ़ाता है और हीट डीसिपेशन (गर्मी निकालना) में मदद करता है

📌 विशेषता (Key Features):

  • यह केबल 66kV, 132kV, 220kV एवं उससे अधिक वोल्टेज स्तरों के लिए उपयुक्त होती है।
  • तेल का दबाव बनाए रखने के लिए रेजर्वॉयर्स या पंपिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है

  • सामान्यतः भूमिगत (underground) या सुरंगों (tunnels) में बिछाई जाती हैं

📌 उपयोग :

  • अत्यधिक वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइनों में (जैसे 132kV, 220kV, 400kV)
  • बड़े औद्योगिक संयंत्रों में

  • भूमिगत (Underground) हाई वोल्टेज केबल नेटवर्क में

⚡ गैस प्रेशर केबल (Gas Pressure Cable):

गैस भरी हुई केबलें (Gas Pressure Cables) को उच्च वोल्टेज पर संचालन हेतु डिज़ाइन किया जाता है, जिनमें इन्सुलेशन क्षमता बढ़ाने और विद्युत तनाव को कम करने के लिए विशेष गैस जैसे नाइट्रोजन (N₂) या सल्फर हेक्साफ्लोराइड (SF₆) भरी जाती है।

Gas Filled Pressure cable

पूरी केबल एक मजबूत धातु पाइप या केबल डक्ट के अंदर रखी जाती है जिसमें विशेष गैस भरी जाती है।  जैसे:

  • नाइट्रोजन (N₂) 
  • सल्फर हेक्साफ्लोराइड (SF₆)

यह गैस दबाव (Pressure) में होती है, जिससे इन्सुलेशन क्षमता बढ़ती है और विद्युत तनाव (Electrical Stress) कम होता है।

🔍 प्रमुख प्रकार:

  1. Gas Pressure Pipe Type Cable – पूरी केबल एक स्टील पाइप में रखी जाती है जिसमें गैस भरी होती है।
  2. SF₆ Insulated Cable (GIL – Gas Insulated Line) – उच्च क्षमता ट्रांसमिशन लाइनों में प्रयोग होती है।

📌 विशेषताएँ (Features):

  • इस प्रकार की केबलों का उपयोग अत्यधिक उच्च वोल्टेज (220kV, 400kV अथवा इससे अधिक) वाले ट्रांसमिशन नेटवर्क में किया जाता है।
  • Cable की गर्मी को अच्छी तरह से नष्ट करती है
  • गैस लीक को रोकने के लिए सीलिंग सिस्टम जरूरी होता है

  • पूरी प्रणाली में गैस का दबाव लगातार नियंत्रित और मॉनिटर किया जाता है

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